जयपुरः  सीकर के खंडेला में एसडीएम और थानाधिकारी की कथित प्रताड़ना से तंग आकर वकील हंसराज के आत्मदाह करने को लेकर शुक्रवार को जयपुर में शहर के वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया. इस दौरान वकीलों ने जयपुर हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट के बाहर कई घंटों तक रोड जाम कर दिया. वहीं, सेशन कोर्ट के बाहर टेंट लगाकर वकीलों ने प्रदर्शन जारी रखा है. दूसरी ओर मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी और सीकर कलेक्टर सहित एसपी से 15 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.


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जयपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन,  बार एसोसिएशन और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन ने दोषी एसडीएम और थानाधिकारी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सुबह करीब नौ बजे मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. जिसके चलते कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. मौके पर पुलिस के आलाधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे. हाईकोर्ट के बाहर सांसद हनुमान बेनीवाल भी पहुंचे. उचित कार्रवाई की मांग की. वहीं, बाद में हाईकोर्ट के वकीलों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया.


 निचली अदालतों के वकीलों का प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान वकीलों ने ओवर हैड हॉडिग्स से मुख्यमंत्री का विज्ञापन हटाकर उसको आग के हवाले कर दिया. करीब चार बजे पुलिस ने सेशन कोर्ट के बाहर एक तरफ का यातायात खुलवाया. 


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जयपुर में वहीं, दूसरे किनारे वकीलों ने टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. वकीलों की मांग है कि दोनों दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ ही पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए. इसके अलावा राजस्व अदालतों में न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति और अधिवक्ता प्रोटेक्शन कानून को लागू किया जाए. गौरतलब है कि गुरुवार को वकील हंसराज मावलिया ने अपने सुसाइड नोट में एसडीएम और थानाधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए आत्मदाह कर लिया था. वहीं, बाद में इलाज के दौरान अधिवक्ता की मौत हो गई थी.



Reporter-  Mahesh Pareek


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