Maa Chandraghanta puja on third day: इस समय शारदीय नवरात्रि चल रहे हैं. छोटीकाशी जयपुर से लेकर देश के कोने-कोने में भक्तगण मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं.  और आज 28 सितंबर 2022, बुधवार को नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नवरात्रि जाते-जाते इन तीन राशिवालों का करेगी भाग्योदय, बुध हो रहे मार्गी


कैसा दिखता है मां का स्वरूप
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है.  मान्यता है कि माता के सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है. इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है. इनकी दस भुजाएं और तीन आंखें हैं. आठ हाथों में खड्ग, बाण सहित दिव्य अस्त्र-शस्त्र है. और दोनों हाथों से ये भक्तों को आशीष देती हैं. इनका संपूर्ण शरीर दिव्य आभामय है. इनके दर्शन से भक्तों का हर तरह से कल्याण होता है.माता भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्त करती हैं.


कैसे होती है इनकी पूजा


नवरात्रि के तीसरे दिन सर्वप्रथम जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें. फिर मां चंद्रघंटा का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें. अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें.सके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं. फिर मां चंद्रघंटा की आरती करें. पूजा के पश्चात किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें.


राजस्थान की सियासत ने मारी पलटी, क्या अशोक गहलोत नहीं करेंगे नामांकन ? कौन होगा अगला मुख्यमंत्री, जानें पूरी अपडेट


मां चंद्रघंटा का भोग और प्रिय रंग 
मां चंद्रघंटा की पूजा के समय सफेद, भूरा या स्वर्ण रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है. इसके साथ भक्त इस दिन दूध से बने मिष्ठान का भोग लगा सकते हैं. मान्यता है कि माता को शहद भी प्रिय है.