Maharani Gayatri Devi Treasure: जयपुर राजघाराना पूरे देश विदेश में काफी प्रसिद्ध है. इस घराने की महारानी गायत्री देवी का रूतबा दूर दूर तक आज भी फैला हुआ है. उन्होंने  अपने समय में  इंदिरा गांधी से टक्कर ली थी, जिसके कारण उनके जयपुर स्थित जयगढ़ किले को खजाने के लिए पूरी तरह उस समय की सरकार के आदेश से खोद डाला गया था.


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इस खजाने को लेकर कहा जाता है कि 1580 में अकबर के सेनापति सवाई मानसिंह ने जब अफगानिस्तान के मोहम्मद गजनी पर फतह सुनिशचित की थी तब वह पूरा खजाना  वहां से जयपुर ले आए थे. इसी खजाने को लेकर इंदिरा गांधी ने उनके पैसे जयगढ़ किले को पूरी तरह से खोद दिया था.  
 
मिली जानकारी के अनुसार, पांच महीने तक चली इस खुदाई के बाद जब खजाने के कोई अंश नहीं मिले जब असफल होकर आखिरकार इंदिरागांधी सरकार ने खजाना ना होने की बात को स्वीकारा लेकिन खुदाई में मिले कुछ चीजों को जिस तरह से दिल्ली भेजा गया था, उससे काफी चीजे सवाल खड़े कर देती है. कि अगर खजाना नहीं था तो  आर्मी के  जरिए पूरा  किला क्यों खोद डाला गया. 


ऑर्मी ने खोदा था पूरा किला


बता दें कि इमजेंसी के समय इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की निगरानी में सब कुछ होता था. उनकी के हिसाब से उस समय नसबंदी का भी काफी मामला बड़ा बनाया गया था. जिस हिसाब देश की आबो हवा चल रही थी उस हिसाब से मानो ऐसा लगता था कि देश का जो कुछ भी हो सब आयरन लेड़ी का ही. यही बात जयपुर के जयगध किले के गड़े हुए खजाने को लेकर बी थी. 


हालात यहा तक थे कि  संजय गांधी को प्लेन उड़ाने का शौक था.  उन्होंने इसके लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ली थी.  और जब वह एक बार अचानक अपना छोटा विमान उड़ाकर जिले के सांगानेर हवाई अड्डे पहुंचे, तब अफवाह फैल गई कि जयगढ़ में दौलत मिल गई है और संजय गांधी विमान लेकर जयपुर दौलत बटोरने पहुंच गए हैं. 


 दो बार निरीक्षण के लिए आए आला अफसर 


सेना के उच्च अधिकारी एक-दो बार निरीक्षण के लिए जयगढ़ आए और आसपास जब हेलिकॉप्टर से लैंडिंग की तो, यह अफवाह भी फैली की जयगढ़ में दौलत मिल गई है और सेना के हेलिकॉप्टर इंदिरा गांधी और संजय गांधी के आदेश पर माल दिल्ली ले जाने के लिए आए हैं.


  230 किलो चांदी  मिली


जयगढ़ किले को पूरा खोदने के बाद  महज 230 किलो चांदी और चांदी का सामान ही मिला था.  सेना ने इन सारे सामानों की सूची बनाकर और राजपरिवार के प्रतिनिधि को दिखाकर उसके हस्ताक्षर लिए. और खुदाई में मिला सारा सामान सील कर दिल्ली ले गए. 


 गौरतलब है कि जब ट्रकों का काफिला दिल्ली लौटने लगा तो  अफवाह के बाजार गर्म होने लगे कि जयपुर-दिल्ली हाइवे पूरे दिन के लिए  बंद कर दिया गया और सेना के ट्रकों में जयगढ़ का माल छुपाकर ले जाया गया है. बताया जाता है कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी के आदेशानुसार दिल्ली छावनी में रख दिया गया.


उल्लेखनीय है कि महारानी गायत्री देवी के खजाने से जुड़ी कई कहानियां है, जिसमें से कुछ सच तो कुछ सिर्फ कहानियां ही हैं. महारानी गायत्री देवी का सबसे बड़ा खजाना था. उनकी राजनीति जो पोती दीया कुमारी को मिली और वो अब राजस्थान की उपमुख्यमंत्री बन गयी है.अपनी दादी के सपने को पूरा किया है दीया कुमारी ने..ये खजाना राजस्थान की राजनीति में महिला की अहम मौजूदगी को दर्शाता है.