Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी यानि की आज मनायी जा रही है. आज दिन भर दान-पुण्य का दौर चलेगा.आज चित्रा नक्षत्र और सुकर्मा योग भी रहने वाला है. वहीं मकर राशि में त्रिग्रही योग भी बन रहा है.


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कल माघ कृष्ण सप्तमी पर 14 जनवरी को रात 8 बजकर 45 मिनट पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसके साथ ही उत्तरायण  शुरु हो गया था


राजस्थान में मकर संक्रान्ति पर सालभर का शुभाशुभ फलादेश निकाला जाता है. इस बार संक्रांति बाघ पर सवार होकर माली के घर में प्रवेश कर रही है. वारनाम राक्षसी बनने से ये सुख-समृद्धि का कारक है.


इस योग के चलते प्रदेश में विकास के लिए नवीन योजनाएं बनेगी. नक्षत्रनाम मंदाकिनी होने से राजनेता और अधिकारियों को फायदा होगा. संक्रांति प्रवेश के समय बालव करण रहेगा जिससे  संक्रांति वाहन बाघ और उपवाहन घोड़ा होगा. भूतजाति की ये संक्रान्ति शरीर पर कुंकुम का लेप लगाकर पीले रंग के वस्त्र और चमेली की पुष्प माला पहनी कुमारी अवस्था में रात्रि के प्रथम प्रहर में प्रवेश कर रही है इसलिए अर्थव्यवस्था में उतार -चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी.


त्रिग्रही योग
14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य, शुक्र और शनि देव एक साथ आ जाएंगे और 17 जनवरी को शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेंगे. ऐसे में त्रिग्रही योग में दानपुण्य ज्यादा फलदायक होगा.


15 जनवरी को चित्रा नक्षत्र, सुकर्मा योग और बालव करण के साथ ही तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में मकर संक्रांति का पुण्य काल होगा.


सूर्यदेव को जल अर्पण
आज पुण्यकाल पर सूर्यदेव को खड़े होकर जल अपर्ण कर, 7 बार नमन करें और फिर तिल, तिल के बने व्यंजन और तेल का दान करना करें. इस दिन गायों को हरा चारा और जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्रों का दान करें.


दान पुण्य के लिए शुभ मुहूर्त
कल माघ कृष्ण सप्तमी पर 14 जनवरी को रात 8 बजकर 45 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर गये थे. इसके साथ ही मकर संक्रांतिकाल शुरू हो गया. सूर्य संक्रांति सूर्यास्त के बाद आती है तो पुण्यकाल दूसरे दिन.अगर सूर्य देव मकर राशि में सूर्यास्त से पहले से आ जाए तो उसी दिन पुण्यकाल माना जाता है.. सूर्यास्त के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो पुण्यकाल  आज है.. जो सूर्योदय से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.