Jaipur: राजधानी जयपुर (Jaipur News) में नगर पालिका द्वारा रेलवे स्टेशन रोड पर स्कूल के ग्राउंड में आयोजित किया गया मेगा शिविर फेल साबित हो गया. इस शिविर में आम जनता के ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी नजर आए. जनता के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली पड़ी रही. शिविर में 22 महकमे के अधिकारी कर्मचारियों की स्टॉल लगाने का दावा नगर पालिका ने किया गया था लेकिन JDA के अधिकारी शिविर में नहीं थे. ऐसे में शिविर में जेडीए के अधिकारी कर्मचारियों के नहीं होने से लोगों के अधिकांश से काम अटक गए. क्योंकि चौमूं का आधे से ज्यादा इलाका जेडीए के अधीन आता है. इतना ही नहीं शिविर में मंच पर उस वक्त हंगामा हो गया जब एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी पेयजल समस्या को लेकर अपनी बात रखनी चाही तो नगर पालिका के अधिकारी बात सुनने को तैयार नहीं थे. इतना ही नहीं उपभोक्ता के सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था. 


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दरअसल, उपभोक्ता मंच पर आकर जोर-जोर से चिल्हाने लगा. कहा 2 साल से वह पानी के एक कनेक्शन की एवज में दो बिल भर रहा है उसके कनेक्शन नहीं किया गया. बुजुर्ग व्यक्ति के हंगामा करने पर अधिकारी समझाइश करने में लगे लेकिन वह अपनी बात कहता रहा. परेशान बुजुर्ग लल्लूराम ने कहा शिविर के नाम पर बेवकूफ बनाया जाता है कोई काम नहीं होता है. इधर इस पूरे मामले में जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने कहा उपभोक्ता ने जो आरोप लगाए हैं वे निराधार हैं. उपभोक्ता अपने घर में पाइप लाइन की फिटिंग विभाग से करवाना चाहता है. यह सम्भव नहीं है.


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इस शिविर का आयोजन लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए लगाया गया था लेकिन यह शिविर प्रशासन के लिए ही समस्या बन गया. दरअसल शिविर में दर्जनों की संख्या में गाड़िया लोहार अपने भूखंडों का पट्टा लेने की मांग को लेकर शिविर में पहुंच गए. पट्टा नहीं मिलने पर गाड़िया लोहार भी हंगामा करने लगे. काफी देर तक गाड़िया लोहार धरने पर बैठे रहे लेकिन उन्हें जमीन का पट्टा नहीं मिला. बाद में आश्वासन के बाद बैरंग ही लौटना पड़ा. हालांकि शिविर में 70 पट्टे नगर पालिका ने लोगो को वितरित किये हैं.


इधर इस मेगा शिविर को बीजेपी ने भी अपने निशाने पर लिया है बीजेपी के पार्षद बाबूलाल यादव ने कहा शिविर में लोगों के कोई काम नहीं हुए अधिकांश जनता शिविर में पहुंच नहीं पाई. सिविल लगाने के नाम पर जनता के पैसे की बर्बादी की गई है. लाखों रुपए विज्ञापन और होर्डिंग्स के नाम पर बेवजह खर्च कर दिए गए.