Jaipur/Delhi: मई के पहले दिन यानी 1 मई को बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध वृष राशि प्रवेश कर जाएंगे. इस समय राहु पहले से वृष राशि में हैं. बुध के वृष राशि में प्रवेश करने से राहु के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी. 


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बुध को बुद्धि और वाणी का कारक ग्रह माना जाता है. बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं और मीन राशि में नीचराशिगत तथा कन्या राशि उच्चराशिगत संज्ञक माने जाते हैं. बुध का वृष राशि में प्रवेश करने से सभी राशियों पर शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ेगा.


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पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास (Anish Vyas) ने बताया कि शुक्र ग्रह के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र हमेशा पृथ्वी के साथ है. इस कारण बुध के वृषभ राशि में आने से एलर्जी इंफेक्शन संक्रमण के रोगों में कमी आयेगी. धीरे-धीरे कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी. 


सभी राशियों पर पड़ेगा बदलाव का प्रभाव 
पंचांग के अनुसार बुध ग्रह 1 मई को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर वृष राशि में प्रवेश आ जाएंगे. अब इस राशि में मौजूद राहु ग्रह के साथ मिलकर बुध जड़त्व योग बनाएंगे, जो बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जा रहा है. बुध ग्रह का यह राशि परिवर्तन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है. बुध वृष राशि में जा रहे हैं लेकिन इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणी, व्यापार, संचार, बुद्धि, गणना, तर्क शास्त्र आदि का कारक माना गया है. कन्या बुध की उच्च और मीन बुध की नीच राशि है. मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं.


ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इसके बाद 4 मई 2021 को शुक्र ग्रह वृष राशि में राशि परिवर्तन करेंगे. इन दोनों के आ जाने से वृष राशि में तीन ग्रहों की युति बन जाएगी. वृष राशि में मई के महीने में राहु, बुध और शुक्र ग्रह की युति बनेगी, जो मेष राशि से लेकर मीन राशि के जातकों को प्रभावित करेगी.


बुध और राहु बनाएंगे जड़त्व योग
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि वृष राशि में पाप ग्रह राहु पहले से ही विराजित हैं और इस राशि में बुध मई के पहले दिन गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में बुध और राहु दोनों की युति वृष राशि में एक अशुभ योग का निर्माण कर रही है. दोनों मिलकर वृष राशि में जड़त्व योग बना रहे हैं. ज्योतिष में इस योग को शुभ नहीं माना जाता है. वृष राशि में इस योग के बनने से धन संबंधी मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को कूटनीति, राजनीति, धोखा, प्रपंच, भ्रम, विदेशी भाषा, विदेश और मानसिक रोग आदि का भी कारक माना गया है.


बुध हैं व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक 
भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं. बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं. बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है. बुध सौरमंडल के ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है. बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है. यह व्यापार, वाणिज्य, कॉमर्स, व्यापार,  खाते,  बैंकिंग,  मोबाइल,  नेटवर्किंग, कंप्यूटर आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है. एक शक्तिशाली बुध आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक है. ताकतवर बुध वाले लोग तेज दिमाग के होने की वजह से उनके सोचने की शक्ति अच्छी होती है. लेकिन, इनकी एक समस्या यह होती है कि ये चिंता और अनिश्चितता से प्रभावित होते हैं.


क्या होगा असर
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र ग्रह के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र हमेशा पृथ्वी के साथ है. इस कारण बुध के वृषभ राशि में आने से एलर्जी इंफेक्शन संक्रमण के रोगों में कमी आयेगी. धीरे धीरे कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी. बुध के राशि परिवर्तन से लोगों में रचनात्मकता बढ़ेगी. शेयर मार्केट बढ़ने की संभावना है. कीमती धातुओं के दाम कम होंगे. बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है. खाने-पीनी की चीजें महंगी हो सकती हैं. बिजनेस करने वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा. लेन-देन और निवेश में कई लोगों को फायदा मिल सकता है. कई नौकरीपेशा लोग जॉब बदलने का मन बना सकते हैं.


बुध है नपुंसक ग्रह
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि बुध पुरुष ग्रह होने के बावजूद नपुंसक ग्रह कहलाता है. अर्थात यह जिस ग्रह के साथ बैठ जाए, उसकी तरह व्यवहार करने लगता है. वक्री बुध यदि किसी खराब ग्रह के साथ बैठ गया और उसके खराब फल में वृद्धि हो जाती है.


बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च.
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत..


बुध का तांत्रिक मंत्र
ॐ बुं बुधाय नमः
बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः


बुध के उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि  बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए. बुधवार के दिन गणपति को सिंदूर चढ़ाएं. बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं. दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है. पालक का दान करे. बुधवार को कन्या पूजा करके हरी वस्तुओं का दान करें.


भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानिए बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव.
मेष राशि:
धन कमाने में सफलता मिल सकती है. मधूर और चतुराई भरी वाणी से लाभ होगा. परिजनों का सहयोग रहेगा.  
वृष राशि: वाद-विवाद से बचें. धन हानि से तनाव हो सकता है. बैंकिंग के कामकाज में सावधान रहें. वाणी संयम जरूरी है.
मिथुन राशि: सेहत खराब हो सकती है. विदेशियों से लेनदेन में सतर्क रहें. व्यय वृद्धि से तनाव हो सकता है.
कर्क राशि: धन में वृद्धि हो सकती है. कमीशन कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे. उपहार मिल सकते हैं. सम्मान हो सकता है.
सिंह राशि: कार्यक्षेत्र में सराहना होगी. प्रसिद्ध हो सकते हैं. अधिकारी प्रसन्न होंगे. वेतनवृद्धि हो सकती है.
कन्या राशि: अचानक विघ्न आने से चल रहा काम रुक सकता है. सकारात्मक रहें. विदेश से जुड़े कामों में सतर्क रहें.  
तुला राशि: संतान से प्रसन्नता मिलेगी. रुका हुआ धन मिल सकता है. प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है.
वृश्चिक राशि: विवाद से तनाव हो सकता है. जीवनसाथी-साझेदार का सम्मान करना जरूरी है. सेहत पर ध्यान दें.
धनु राशि: वाद-विवाद में विजय संभव है. वेतनवृद्धि-पदोन्नति मिल सकती है. अनुबंध प्राप्त कर सकते हैं. रिश्तेदारों की मदद मिलेगी.
मकर राशि: जीवनसाथी और संतान से विवाद की आशंका है. प्रेम संबंध तनावपूर्ण होंगे. उच्चशिक्षा में गुरुजनों का सम्मान करें.
कुंभ राशि: अचानक धन लाभ हो सकता है. बुजुर्गों की सेहत में सुधार होगा. वाहन सुख में वृद्धि होगी. उपहार मिल सकता है.
मीन राशि: मानसिक तनाव हो सकता है. वाद-विवाद से दूर रहें. विवाह प्रस्ताव में बाधा आ सकती है. प्रेम संबंध टूट सकते हैं.