`म्यूजिक थेरेपी` का मार्मिक उदाहरण, मां की लोरी सुन कोमा में गए बच्चे ने किया रिएक्ट
मेडिकल साइंस में इसे `म्यूजिक थेरेपी` कहा जाता है. विश्व में ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं, जहां म्यूजिक की ताकत के चलते लोग गंभीर बीमारी और अवसाद से उभर कर बाहर आ गए और आम जिंदगी जीने लगे.चिकित्सा क्षेत्र में भी अब म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से मरीजों को स्वस्थ किया जा रहा है.
Jaipur: आज विश्व म्यूजिक दिवस है. कहते हैं कि म्यूजिक में बड़ी ताकत होती है, जो रोते हुए को हंसा सकता है और उदास मन को खुश कर सकता है. संगीत का स्वास्थ्य को बेहतर रखने में भी एक अहम योगदान बताया जाता है.
मेडिकल साइंस में इसे 'म्यूजिक थेरेपी' कहा जाता है. विश्व में ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं, जहां म्यूजिक की ताकत के चलते लोग गंभीर बीमारी और अवसाद से उभर कर बाहर आ गए और आम जिंदगी जीने लगे.चिकित्सा क्षेत्र में भी अब म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से मरीजों को स्वस्थ किया जा रहा है.
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म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से स्वस्थ किया गया
एक ऐसा उदाहरण प्रदेश के सबसे बड़े बच्चों के सरकारी अस्पताल जेके लोन का है, जहां एक ऐसा ही मामला देखने को मिला था. जहां बच्चे को म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से स्वस्थ किया गया. जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक और पूर्व अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता बताते हैं कि एक बच्चा काफी बीमार हालात में जेके लोन अस्पताल में भर्ती हुआ था. यह बच्चा पूरी तरीके से कोमा में जा चुका था और दवाइयां पूरी तरीके से बेअसर हो चुकी थीं.
असमंजस की स्थिति में थे डॉक्टर
इलाज करने वाले चिकित्सक असमंजस की स्थिति में थे कि अब क्या किया जाए. लेकिन डॉ. अशोक गुप्ता ने एक खास कनेक्शन उस बच्चे का उसकी मां के साथ देखा. उन्होंने उपाय निकाला कि किसी भी तरीके से एक संगीत के तौर पर बच्चे के कानों में उसकी मां की आवाज पहुंचाई जाए. इसके तहत बच्चे की मां की लोरी मोबाइल के माध्यम से रिकॉर्ड की गई. ईयर फोन के माध्यम से बच्चे को सुनाई गई. चिकित्सकों का यह प्रयोग पूरी तरीके से सफल रहा.
लोरी पर बच्चे ने किया रियेक्ट
लोरी के तौर पर बच्चे के कान में उसकी मां की आवाज जैसे-जैसे पहुंची, उस बच्चे ने चमत्कारिक तरीके से रिएक्ट करना शुरू कर दिया. यानी कोमा से बाहर निकल कर आने की स्थिति शुरू हो चुकी थी. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि म्यूजिक थेरेपी मानसिक रोगों से जुड़े रोगियों के इलाज में भी उपयोग में लाई जा रही है. संगीत आज मनोरंजन के साधन तक सिमट कर नहीं रहा है बल्कि इसका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में भी किया जा रहा है.
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