Rajasthan News: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा आरएएस अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में आज राजस्थान प्रशासनिक परिषद सहित अलग-अलग संगठनों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात और कार्यकारिणी की बैठक के बाद कार्य बहिष्कार वापस ले लिया है. हालांकि, उन्होंने सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. राज्य सरकार एक महीने में उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो फिर से 16 दिसंबर से कार्य बहिष्कार शुरू होगा. खासतौर पर गवर्नमेंट ऑफिसियल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने और अधिकारियों को सुरक्षा के मद्देनजर गनमैन उपलब्ध कराने की मांग है. 


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आरएएस एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए एक महीने का समय दिया है. एक महीने के दौरान मांगे पूरी नहीं होने पर फिर से कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया गया है. गवर्नमेंट ऑफिसियल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने और फील्ड में रहने वाले अधिकारियों को सुरक्षा के मद्देनजर गनमैन उपलब्ध कराने की मांग है. 



दरअसल, उपचुनावों के मतदान के दौरान देवली-उनियारा के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड मारने की गूंज अब तक सुनाई दे रही है. आज आरएएस और अन्य कार्मिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सुबह मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद आरएएस एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया. 



आरएएस एसोसिएशन और अन्य कार्मिक संगठनों की बैठक के बाद अध्य़क्ष महावीर खराडी ने बताया कि मुख्यमंत्री से सकारात्मक माहौल में वार्ता हुई है. उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट ऑफिशियल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की प्रदेश के सभी कर्मचारी मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस एक्ट के लिए समन्वय समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व आरएएस एसोसिएशन करेगा. उन्होंने बताया कि एस एक्ट का मसौदा तैयार कर राज्य सरकार को पेश किया जाएगा. उन्होंने राज्य सरकार से फील्ड में कार्यरत अधिकारियों को जल्द से जल्द पीएसओ प्रोवाइड कराने की मांग की. इसके अलावा नरेश मीणा के खिलाफ उपयुक्त धाराओं में जल्द चालान पेश हो, नरेश मीणा के खिलाफ निर्वाचन नियमों में अयोग्यता की कार्रवाई जल्द हो, मौके पर मौजूद लापरवाह पुलिस अधिकारियों-कार्मिकों की जांच कर कार्रवाई हो. मांगो में प्रदेश में गवर्नमेंट ऑफिशियल प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो, एडीएम, एसडीएम समेत सभी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को पीएसओ मिले और पुलिस अधिकारियों को मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए एसओपी जारी करना शामिल है.



आरएएस एसोसिएशन और अन्य कार्मिक संगठनों ने राज्य सरकार को मांगे पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. साथ ही एक महिने में मांगे पूरी नहीं होने पर फिर से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है. आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कामकाज प्रभावित हो,इसलिए कार्य बहिष्कार वापस लिया है, लेकिन मांगे पूरी नहीं होने पर एक महीने बाद सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा. उधर थप्पड़ कांड के पीड़ित एसडीएम अमित चौधरी आज फिर मीडिया के सामने आए, उन्होंने नरेश मीणा द्वारा की गई घटना को क्रिमिनल एक्टिविटी बताया. उन्होंने नरेश मीणा के आरोपों का खारिज करते हुए कहा कि आरोप लगाना आसान है.



बहरहाल, संभवत यह पहली बार है जब आरएएस अधिकारियों ने कार्य बहिष्कार किया है. इस दौरान आरएएस अधिकारियों को अन्य कर्मचारी-अधिकारियों का भी पूर्ण समर्थन मिला है. अब देखना होगा राज्य सरकार इनकी मांगों पर एक महीने में क्या कार्रवाई करती है. 



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