Mundawar: अलवर जिले के औद्योगिक क्षेत्र की पहचान प्रदेश में है यहां से केंद्र और राज्य सरकारों को हर साल करीब 15 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है लेकिन यहां सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हम बात कर रहे हैं अलवर के नीमराना औद्योगिक क्षेत्र की जहां चारों तरफ गंदगी का आलम नजर आता है. 


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इतना ही नहीं जिम्मेदार विभाग रीको के अधीन चल रहे फायरब्रिगेड में खड़ी चार गाड़िया सिर्फ दिखावे के लिए खड़ी है. अगर कोई आगजनी होती है तो यह गाड़िया किसी काम की नहीं होती है. खटारा हो चुकी इन अग्निशमन गाड़ियों के सहारे तो चल नहीं सकता अब भगवान भरोसे चल रहा है नीमराणा का औद्योगिक क्षेत्र.


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कुछ माह पहले नीमराना के औद्योगिक क्षेत्र में डायिकन कंपनी में भीषण आग लगी जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ और आग बुझाने के लिए आसपास के जिलों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलवाना पड़ा था. नीमराना औद्योगिक क्षेत्र पूरे प्रदेश में अलग पहचान रखता है. यहां जापानी जॉन से लेकिन कई अन्य देशी और विदेशी कंपनियां संचालित है लेकिन यहां अगर किसी फेक्ट्री में आग लग जाती है तो यहां संबंधित विभाग रीको के पास पर्याप्त साधन नहीं है. कहने को तो यहां चार अग्निशमन की गाड़ियां खड़ी है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए. पूरी तरह से नकारा हो चुकी यह गाड़ियां खटारा हो चुकी है. ऐसी स्थिति में विभाग के पास आगजनी में आसपास के क्षेत्रों से ही फायर ब्रिगेड बुलवा कर आग पर काबू पाया जाता है तब तक भारी नुकसान हो चुका होता है.


राजेश सिंह ने बताया कि हमारे पास 4 गाड़ियां हैं पर 4 में से तीन गाड़ियां रिपेयर होने के लिए गई हुई है. हमारे पास एक कार है और कहा कि हमने एक कार के लिए अनुरोध भेजा है. जल्द ही नई गाड़ी उपलब्ध होने की संभावना है. नीमराना औद्योगिक क्षेत्र के साथ शाहजहांपुर और धीलोठ क्षेत्र भीम शामिल है. 


जहां फायर ब्रिगेड के अलावा अन्य सुविधाओं पर भी नजर डालें तो स्थिति और भी खराब रहती है पर चारों तरफ गंदगी का आलम नजर आता है. सड़कों के किनारे पर लगे कूड़े के ढेर कई दिनों तक नहीं उठते और ऐसे में सरकार उधोगों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टर लाने के प्रयास में जुटी है लेकिन नीमराना में जिम्मा सम्भाल रहे रीको जैसे विभागों की अनदेखी इन्वेस्टर को यहां लाने के कदमों में बाधा बन सकती है.


Reporter: Jugal Gandhi