Jaipur : राजस्थान के जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस से एक चार महीने के बच्चे की चोरी का मामला सामने आया है. एसएमएस के बांगड़ परिसर में ये वारदात हुई है और सीसीटीवी पर आरोपी साफ दिख रहा है. वारदात के बाद से अस्पताल में हड़कंप है.


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मामले की सूचना पर डीसीपी ईस्ट समेत तीन सर्किल के थानों की पुलिस मौजूद है. बच्चे की तलाश के लिए सीसीटीवी की मदद ली जा रही है. अस्पताल परिसर और बाहर के सभी सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बच्चे की दादी ने एक युवक को बच्चा संभालने के लिए दिया था.


इसी दौरान वो युवक बच्चे को लेकर फरार हो गया. दादी के मुताबिक आरोपी युवक एक दिन पहले ही उससे मिला था. बातों ही बातों में दादी ने उसकी जान पहचान हुई और कुछ देर के लिए दादी ने नवजात को संभालने के लिए युवक से कहां. युवक ने बच्चे को लिया और चोरी छुपे अस्पताल से बाहर आ गया.


काफी देर तक युवक के नहीं दिखने पर दादी और घर वालों को शक हुआ और तब मामला खुला, पुलिस फिलहाल आरोपी और नवजात का कोई पता नहीं लगा पायी है. इधर जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल में हुई इस वारदात के बाद से मरीज और तीमारदार सकते में हैं खास तौर पर प्रसूति वार्ड में सन्नाटा पसरा है. 


ये है पूरा मामला
बुधवार शाम को करीब 6:00 बजे 4 महीने के दिव्यांश नाम के बच्चे का अपहरण हुआ. दरअसल बच्चे के दादा और दादी 4 साल के बड़े पोते का इलाज कराने के लिए SMS अस्पताल आए हुए थे. आरोपी युवक ने 2 दिन तक बच्चा अपहरण करने के लिए रेकी की और बच्चे के दादा दादी को विश्वास दिलाया के एसएमएस अस्पताल में भर्ती बड़े पोते के इलाज में वो उनकी मदद करेगा और इस तरह उसने उनका विश्वास जीत लिया.


बुधवार की शाम जब दादा दादी पोते को लेकर उसी युवक के साथ बांगड़ के पार्क में बैठे थे, इसी दौरान दादी आरोपी युवक को चार माह के मासूम दिव्यांश को संभाल कर बड़े पोते के लिए खाना लेकर SMS अस्पताल के वार्ड में चली गई.


थोड़ी देर बाद जब दादी बाहर आई तो  आरोपी पोते को लेकर चला गया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. एसएमएस अस्पताल में लगे हुए 90 सीसीटीवी कैमरे बिल्डिंग के बाहरी क्षेत्रों और गेटों को कवर नहीं करते ,इसी बात का फायदा आरोपी युवक ने उठाया है. पूरे मामले में सिर्फ एक जगह आरोपी की फुटेज अब तक पुलिस को मिली है. जिसमें ऑरेंज कलर की टी शर्ट, नीली जींस और सर पर गमछा डाला हुए आरोपी दिख रहा है.


SMS अस्पताल में लापरवाही की हद
अस्पताल परिसर में ओपीडी और आईपीडी के रोजाना 20 हज़ार से अधिक लोगों का आना जाना है, लेकिन यहां आमजन की सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कमरे धूल फांक रहे है. अस्ताल में करीब  200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है लेकिन 70 फीसदी से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे धूल फांक रहे है. 


एसएमएस थाने से मिली जानकारी के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे बंद होने पर आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने में काफी परेशानी आ रही है, जनवरी से अभी तक 500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए है. जिसमें चोरी , मोबाइल, पर्स गुमशुदगी के मामले सामने आये है. वही बीते दिनों एसएमएस में 2 नाबालिकों से छेड़छाड़ के मामले भी सामने आये थे, लेकिन अस्पताल परिसर में कैमरे ख़राब होने के चलते पुलिस को अपराधियों को चिन्हित करने में काफी परेशानी हुई थी.


अस्पताल में 70 के करीब कैमरे है जिनकी जिम्मेदारी भी अभय कमांडो को एसएमएस अस्पताल के प्रशासन ने सौंप रखी है, बाकि के 70 फीसदी से ज्यादा कैमरे धूल फांक रहे है. समझा जा सकता है कि बच्चा चोरी की वारदात में एक मात्र सीसीटीवी फुटेज ही क्यों पुलिस के हाथ लगा है.  आरोपी को अस्पताल में सीसीटीवी की हालत का पता था और उसने इसी का फायदा उठाया. ऐसे में पुलिस आरोपी तक कैसे पहुंचेगी देखने वाली बात होगी.


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