Jaipur: 26 अगस्त को छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं और चुनाव से करीब 8 दिन पहले एनएसयूआई की ओर से राजस्थान विश्वविद्यालय में अपेक्स पदों पर होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद पर रितु बराला को टिकट देने की घोषणा कर दी हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने रितु बराला को टिकट देने की घोषणा की, इसके साथ ही रितु बराला ने यूनिवर्सिटी में शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपना दम भी दिखाया.


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रितु बराला को टिकट देने की घोषणा होने के साथ ही एनएसयूआई में जबरदस्त फूट भी नजर आई. सालों से अध्यक्ष पद पर तैयारी कर रहे करीब आधा दर्जन छात्र नेताओं ने एनएसयूआई के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया, इसके साथ ही मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल ने भी एनएसयूआई के अध्यक्ष प्रत्याशी रितु बराला के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी.


राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में पिछले 5 चुनाव में एनएसयूआई अध्यक्ष पद पर जीत हासिल नहीं कर पाई है, जिसके चलते इस बार जिताऊ उम्मीदवार को लेकर एनएसयूआई में गहन मंथन किया गया. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि इस बार जिताऊ उम्मीदवार साथी ग्राउंड लेवल पर जुड़े हुए प्रत्याशी को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा.


एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने बताया कि छात्र संघ चुनाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार मंथन चल रहा था. सभी पदाधिकारियों से बात करने के बाद रितु बराला के नाम पर मोहर लगी है. रितु बराला पिछले 6 सालों से एनएसयूआई की छात्र राजनीति में सक्रिय है, इसके साथ ही महारानी कॉलेज की अध्यक्ष भी रही हैं. इसके साथ ही एक किसान परिवार से होने के चलते रितु बराला विद्यार्थियों के बीच में काफी प्रिय हैं. रितु के नाम पर मुहर लगने के बाद हमारे कुछ साथी नाराज हुए हैं, लेकिन एनएसयूआई एक परिवार की तरह है. जल्द ही नाराज छात्र नेताओं को मना लिया जाएगा और इस बार का छात्र संघ चुनाव एनएसयूआई बड़े अंतर से जीतेगा.


अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई संगठन की ओर से टिकट मिलने के बाद रितु बराला ने कहा कि एनएसयूआई परिवार ने उन पर विश्वास जताया है और इसी विश्वास को कायम रखते हुए वह इस बार छात्र संघ चुनाव में जीत हासिल करेंगे. छात्राओं की विभिन्न समस्याओं और इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में व्याप्त अव्यवस्थाओं के मुद्दों को लेकर यह चुनाव लड़ा जा रहा है, हालांकि एनएसयूआई के कुछ साथी टिकट की घोषणा होने के बाद नाराज हुए हैं, लेकिन जल्द ही इन सभी भाइयों और बहनों को मना लिया जाएगा. क्योंकि इनके बिना एनएसयूआई की जो जीत की खुशी अधूरी रहेगी.


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