Jaipur: चातुर्मास के चार माह तक क्षीर सागर में शयन कर रहे भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर शंख, घंटा, घडिय़ाल और वेद मंत्रों के साथ जगाया गया.  इसके साथ ही तुलसी सालिगराम के विवाह हुए.
 
वहीं जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में देवउठनी एकादशी महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महोत्सव के तहत धूप झांकी के बाद सुबह शालिग्राम को चौकी पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने स्थित तुलसी मंच पर लाया गया. जहां मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने शालिग्रामजी का पंचामृत अभिषेक, पूजन और आरती की.


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इसके बाद तुलसी महारानी और शालिग्राम  की चार परिक्रमा के बाद शालिग्राम  को चांदी के रथ पर विराजमान कर मंदिर की एक परिक्रमा कराकर वापस गर्भ गृह में विराजमान किया. उसके बाद शृंगार आरती हुई.


भक्तों ने ठाकुर जी ने लाल जामा पोशाक धारण कर विशेष श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहा. सुबह से गोविंद देव जी मंदिर, राधा दामोदर जी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अक्षयपात्र स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में कीर्तन सहित अन्य कार्यक्रम हुए.  दिनभर भगवान के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता नजर आया.


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