राहत: नागौर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ की संबद्धता रद्द करने के आदेश पर रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ को राहत देते हुए आरसीए के गत चार जुलाई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें इन दोनों क्रिकेट संघों की संबद्धता को रद्द कर दिया गया था.
Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ को राहत देते हुए आरसीए के गत चार जुलाई के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें इन दोनों क्रिकेट संघों की संबद्धता को रद्द कर दिया गया था. इसके साथ ही अदालत ने बीसीसीआई और सहकारिता रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश नागौर और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघों की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि आरसीए ने गत 4 जुलाई को साधारण सभा की आपातकालीन बैठक बुलाकर नागौर, श्रीगंगानगर और अलवर जिला क्रिकेट संघों की संबद्धता को रद्द कर दिया. आरसीए ने इन तीनों एसोसिएशनों की संबद्धता रद्द करने का मुख्य कारण पूर्व में बीसीसीआई द्वारा ललित मोदी और अन्य के मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करना बताया.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पहले ही बीसीसीआई के दिशा-निर्देशों का पालन कर चुके हैं और उनका ललित मोदी व उनके समर्थकों से कोई भी संबंध नहीं है. इसके अलावा 27 अगस्त 2021 के आदेश में लोकपाल ने भी माना था कि प्रार्थी जिला क्रिकेट संघों ने बीसीसीआई की मांग को पूरा कर दिया है, इसलिए इन्हें पूर्ण रूप से आरसीए से संबद्ध माना जाए.
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आरसीए के उनकी संबद्धता रद्द करने वाले आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरसीए के गत चार जुलाई के आदेश पर याचिकाकर्ताओं की हद तक रोक लगा दी है.