राजस्थान के 716 बांधों में 420 बांध बिल्कुल खाली, फिर भी नहीं होगी पानी की कमी, जानें क्यों
मरूधरा में जून की गर्मी से जलसंकट की स्थिति नहीं बिगडेगी,क्योकि बांधों में पिछले साल के मुकाबल ज्यादा पानी है.इसलिए इस साल पेयजल को लेकर बेहतर स्थिति रहेगी.हालांकि वैसे भी मई के महीने में बारिश होने से बांधों में पानी की आवक दर्ज की गई है. 16 प्रतिशत पानी ज्यादा- मरूधरा में जू
Rajasthan Dams : मरूधरा में जून की गर्मी से जलसंकट की स्थिति नहीं बिगडेगी,क्योकि बांधों में पिछले साल के मुकाबल ज्यादा पानी है.इसलिए इस साल पेयजल को लेकर बेहतर स्थिति रहेगी.हालांकि वैसे भी मई के महीने में बारिश होने से बांधों में पानी की आवक दर्ज की गई है.
16 प्रतिशत पानी ज्यादा-
मरूधरा में जून में जलाने वाली गर्मी के बीच पेयजल संकट से निपटने के लिए जलसंसाधन विभाग की निगाहे बांधों पर टिकी हुई है.लेकिन इस गर्मी राहत की खबर ये है कि पिछले साल के मुकाबले 22 प्रमुख बांधों में 16 प्रतिशत पानी ज्यादा है.2022 में मई में प्रमुख बांधों में 45 प्रतिशत पानी था,लेकिन इस वर्ष 61 प्रतिशत से ज्यादा पानी है.यानि जून की जलाने वाली गर्मी में इन बांधों से राहत मिल पाएगी.
ये प्रमुख बांध जिसमें सबसे ज्यादा पानी-
जिला बांध पानी की मात्रा
कोटा कोटा बैराज 99.56 प्रतिशत
चितौडगढ राणा प्रताप सागर 86.11 प्रतिशत
टोंक बीसलपुर बांध 60.56 प्रतिशत
डूंगरपुर सोम कमला अंबा 61.38 प्रतिशत
बांधों का 99 प्रतिशत पानी बर्बाद-
प्रदेश के 716 बांधों में 420 बांध बिल्कुल खाली है.भीषण गर्मी के कारण बांधों का पानी सूख जाता है.32 वर्ष से जल शोध पर लगे जल वैज्ञानिक श्याम सुदंर राठी का कहना है कि बांधों का केवल 1 प्रतिशत पानी ही काम आता है,बाकी 99 प्रतिशत पेयजल बबार्द हो रहा है.इसलिए सरकार मल्टी स्टोरेज डिस्टांस टैंक बनाने चाहिए.जिससे 100 प्रतिशत पानी का उपयोग किया जा सके.इससे बाढ प्रभावित इलाकों भी सैफ रहेंगे और पानी की बचत भी हो सकेगी.इस संबंध में सरकार को पत्र भी लिखा है.
उम्मीद है जलसंकट कम होगा-
फिलहाल जलसंकट से निपटने के लिए जलसंसाधन विभाग की नजरे बांधों पर टिकी है.उम्मीद है इस गर्मी पिछले सालों के मुकाबले पानी की समस्या कम होगी.
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