Phalodi Satta Bazaar : क्या है फलोदी सट्टा बाजार का गणित, कब और कैसे लगता है सट्टा? जान लीजिए
Phalodi Satta Bazaar : फलौदी सट्टा बाजार में छोटी-छाटी घटनाओं से लेकर बड़ी-बड़ी घटनाओं पर सट्टा लगाया जाता है. जानकार बताते हैं, कि Phalodi Satta Bazaar का इतिहास तकरीबन 500 साल पुराना है.
Phalodi Satta Bazaar : राजस्थान का एक छोटा सा जिला है फलोदी, जहां से चलता है सट्टा बाजार. फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazaar) का नाम पूरे देश में मशहूर है. इस सट्टा बाजार का हाल यह है कि यहां पर छोटी-छोटी बातों पर सट्टा लगाया जाता है. जैसे- अगर किसी ने जूता हवा में फेंक दिया, तो वह जूता जमीन पर सीधा गिरेगा या उल्टा गिरेगा. अगर सड़क पर दो सांड़ लड़ाई कर रहे हैं तो उसमें से कौन जीतेगा. इस पर भी सट्टा लगाया जाता है. फलोदी सट्टा बाजार में करोड़ों रुपये का कारोबार होता है.
कब शुरू होता है सट्टा बाजार का कारोबार?
फलोदी सट्टा बाजार में सुबह 11 बजे से कारोबार शुरू होता है, और इसका सिलसिला देर रात तक चलता है. यहां पर 20-22 मुख्य सट्टा कारोबारी हैं. इन सबके अलावा यहां पर सैकड़ों दलाल और सटोरिए हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यहां पर नुक्कड़ से लेकर सभी घरों में सट्टे का कारोबार होता है, जिसमें बच्चे से लेकर बूढ़े तक शामिल होते हैं.
कितना बड़ा है मार्केट
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनाव बारिश या शेयर मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव को लेकर देश के बड़े-बड़े शहरों दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, उत्तर प्रदेश और बिहार में सट्टे लगाए जाते हैं. देश के दूसरे राज्यों में भी सटोरियों के पैसे लगते हैं. इन पैसों पर दलालों को तीन टका दलाली के तौर पर मिलता है. सटोरियों का पैसा दलाल पक्ष और विपक्ष में लगाते हैं.
शेयर मार्केट पर मजबूत है पकड़
शेयर मार्केट पर फलोदी की मजबूत पकड़ है. यहां के लगभग 300 लोग यहां पर काम करते हैं. उनके अनुमानों के आधार पर मार्केट में उतार-चढ़ाव आ सकता है जिसके आधार पर लोग पैसे कमाते हैं. जिस शेयर का भाव फलोदी ने दे दिया उसमें लोग पैसे लगाते हैं.
500 साल पुराना है सट्टा बाजार
फलोदी सट्टा बाजार का इतिहास बहुत पुराना है. यहां पर तकरीबन 450-500 साल से कारोबार हो रहा है. यह पूरी दुनिया में अपने कारनामों के लेकर मशहूर है. इस गांव में बहुत से सीए और जज भी हैं. जो दूसरी जगहों पर नौकरियां कर रहे हैं.