Who Is Vishakanya : वो समय जब विषकन्याएं करती थी हनीट्रैप, जहरीली अदाओं के मायाजाल की कहानी
Who Is Vishakanya : विषकन्या, काल्पनिक नहीं बल्कि सच में होती थी. जिसके बारे में कथासरितसागर में बताया गया है. विषकन्याओं का इस्तेमाल राजा महाराजा आपने उन शत्रुओं को मारने में करते थे. जिन्हे युद्ध में हरा पाना संभव नहीं था.
कैसे बनी विषकन्या
माना जाता है कि अगर किसी कन्या की जन्मकुंडली में विषकन्या योग होता था. तो परिवार उसे शाही सेवा में दे देता था. जहां ऐसी लड़की को युद्ध कौशल के साथ, हाथ मिलाने या फिर लार से मृत्यु निश्चित थी.
विषकन्या का पूरा शरीर होता था जहरीला
विषकन्या उन बच्चियों को भी बना दिया जाता था, जो या तो अवैध संतान थी या फिर गरीब और अनाथ. इन लड़कियों को राजमहल में ही पाला जाता था और खाने में उम्र के हिसाब से जहर की मात्रा को बढ़ाया जाता था. इस दौरान कई बच्चियां मर भी जाती थी और कुछ विकलांग हो जाती थी.
विषकन्या का काम
विषकन्या को विशेष रुप से राजा महाराजा दुश्मनों को मारने के लिए भेजते थे. सुंदर लड़की पर दुश्मन मोहित हो जाते और विषकन्या उन्हे मार डालती थी. एक बार चंद्रगुप्त मौर्य को मारने के लिए भी एक विषकन्या को भेजा गया था लेकिन आचार्य चाणक्य की सूझ बूझ से चंद्रगुप्त मौर्य की जान बच गयी. बताया जाता है कि इसके बाद ऐसे किसी भी हमले से बचने के लिए चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को थोड़ा थोड़ा जहर खाने में देना शुरु किया. लेकिन इस वजह से अनजाने में चंद्रगुप्त की गर्भवती महारानी की मौत हो गयी, लेकिन बिंदुसार को बचा लिया गया, जहर की वजह से बिंदुसार के सिर पर नीला निशान था.
विषकन्या की खूबियां
विषकन्या बेहद खूबसूरत होती थी. साथ इनको कला और संगीत भी सिखाया जाता था. युद्ध कला में कौशलता के बाद ही इनको किसी टॉस्क पर भेजा जाता था. ये विषकन्या दुश्मन को मोहित कर मौत के घाट उतार देती थी.
आज भी हैं विषकन्या
वर्तमान परिपेक्ष्य में देखें तो विषकन्या का दूसरा रूप दिख सकता है और वो है हनी ट्रैपिंग , जहां खूबसूरती का इस्तेमाल कर पुरुषों से उगाही की जाती है या फिर खूफियां जानकारी हासिल की जाती है. आज भी कई देश इस हथियार का इस्तेमाल कर दूसरे देश की महत्वपूर्ण जाकारियां हासिल करते हैं.