हिंदू शास्त्र में ऐसी शादी अच्छी और ऐसी बुरी जानें आपकी शादी कैसी है ?

Good And Bad Marriage : हिंदू धर्म में विवाह एक पवित्र संस्कार है. जो सात फेरे लेना मात्र नहीं बल्कि आत्मा से आत्मा का मिलन माना जाता है. ये 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है. हिंदू शास्त्रों में आठ प्रकार विवाह बताये गये हैं. जो अपने तरीकों के चलते अच्छे या बुरे माने गये हैं. भविष्य पुराण में इन विवाह की पूरी लिस्ट दी गयी है.

प्रगति अवस्थी Mon, 02 Jan 2023-11:35 am,
1/8

गंधर्व विवाह

कन्या या वर की आपसी इच्छा से जो विवाह होता है उसे गंधर्व विवाह कहते हैं. आजकल इसे ही प्रेम विवाह कहा जाता है.

2/8

पिशाच विवाह

सोई हुई, नशे में या फिर मानसिक रूप से कमजोर कन्या को उसकी स्थिति का लाभ उठाकर ले जाना और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर विवाह करना पिशाच विवाह होता है, ये विवाह सबसे निम्न कोटि का बताया गया है.

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता. अधिक जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें )

3/8

राक्षस विवाह

जब कन्या से मारपीट करते हुए उसका जबरदस्ती अपहरण कर उससे विवाह रचाया जाए तो ये राक्षस विवाह होता है. रावण ने सीता माता के साथ इसी तरह का विवाह करने का प्रयास किया था.

4/8

असुर विवाह

कन्या के पिता या परिवार को धन या अन्य संपत्ति देकर मनमर्जी से कन्या को ग्रहण करना आसुरी विवाह होता है. इसमें कन्या की मर्जी या नामर्जी का ध्यान बिल्कुल नहीं रखा जाता.

5/8

प्रजापत्य विवाह

जब पूजन के बाद पिता कन्या दान करें और कहें कि ‘तुम दोनों एक साथ गृहस्थ धर्म का पालन करो’तो ये विवाह प्रजापत्य विवाह कहलाता है. याज्ञवल्क्य के अनुसार इस विवाह से हुई संतान अपनी पीढ़ियों को पवित्र करने वाली होती है.

6/8

आर्ष विवाह

धर्म के लिए वर से एक या दो जोड़े गाय या फिर बैल को लेकर कन्या को पूरे विधि विधान से उसे सौंपना आर्ष विवाह कहलाता है. ये ऋषि विवाह से जुड़ा माना जाता है

7/8

देव विवाह

यज्ञ के बाद ऋत्विज को अलंकृत कर कन्या देने को देव विवाह कहा जाता है. कन्या की सहमति से इस विवाह में उसे किसी उद्देश्य, सेवा, धार्मिक कार्य या फिर मूल्य के रूप में वर को सौंपा जाता है.

8/8

ब्रह्म विवाह

अच्छे शील स्वभाव के साथ ही उत्तम कुल के वर से कन्या का विवाह उसकी सहमति और वैदिक रीति से करना ब्रह्मा विवाह कहलाता है. इसमें वर और वधु से किसी तरह की जबरदस्ती नहीं होती. कुल और गोत्र का विशेष ध्यान रखकर ये विवाह शुभ मुहूर्त में किया जाता है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link