Phulera: जयपुर कलेक्टर के रेनवाल कस्बे में संभावित विजिट करने की स्थानीय प्रशासन को भनक लगी तो अधिकारी कलेक्टर को सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त दिखाने की तैयारियों में जुट गए और पालिका प्रशासन ने आनन फानन में लंपी वायरस से संक्रमित गायों को पुरानी गौशाला में आइशोलेशन सेंटर बनाकर छोड़ दिया गया है. 


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गौवंश के लिए बनाए गए सेंटर में मात्र औपचारिकता नजर आई. यहां लंपी वायरस से संक्रमित करीब एक दर्जन गायों को लाकर छोड़ दिया गया. इन संक्रमित गायों के उपचार की कोई व्यवस्था इस सेंटर पर नजर नहीं आई. साथ ही यहां गायों के लिए पर्याप्त चारे पानी का भी अभाव है. इसके चलते स्थानीय गोप्रेमियों में रोष व्याप्त है. उन्होंने जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि क्षेत्र में लंपी वायरस से संक्रमित कई गोवंश घूम रहे है. जिम्मेदार फोन तक नहीं उठाते है.


नगर पालिका क्षेत्र में तीन दिन पहले घुमटी वाले बालाजी के पास श्री गोपाल गौशाला में लंपी वायरस से ग्रसित गायों के लिए बनाया गया आइशोलेशन सेंटर महज खानापूर्ति साबित हो रहा है. हालांकि यहां पर नगर पालिका प्रशासन के जरिए गायों के चारे पानी और अन्य  सुविधाओं के लिए पालिका कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन सोमवार को दो बार क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण करने के दौरान वहां पर एक भी कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला.  इस संबंध में जब स्थानीय अधिशासी अधिकारी वर्षा चौधरी से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाना भी जरुरी नहीं समझते.


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इस मामले में स्थानीय पशु चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर सूरजमल दरिया का कहना है कि रेनवाल क्षेत्र में लंपी वायरस से ग्रसित गोवंश के उपचार के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. जिनके जरिए नियमित गायों का इलाज और सपोर्टिव दवाइयां देकर गायों को ठीक करने के प्रयास किए जा रहे है. साथ ही दरिया ने बताया कि गौशाला में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में भी चिकित्सकों और पशुधन सहायकों की टीम के जरिए गायों की देखभाल और उपचार किया जा रहा है. लेकिन, नगर पालिका प्रशासन के जरिए लंपी वायरस से ग्रसित बीमारियों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्थाओं के अभाव और देखभाल की उचित व्यवस्था नहीं होने से गोसेवकों में रोष बना हुआ है.


रेनवाल में संचालित गो मित्र मंडल के कार्यकर्ताओं ने पालिका प्रशासन पर गायों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है.उनका कहना है कि लंपी वायरस से ग्रसित गायों को कैद कर देने से उनका सही ढंग से उपचार भी नहीं हो पा रहा है. जबकि गो मित्र मंडल के जरिए उनके उपचार और चारे पानी की उचित व्यवस्था की जा रही थी. इस संबंध में गौ भक्त जय नारायण प्रजापत ने कहा कि गौशाला में भले ही बीमार गायों को रखने का सेंटर बनाया है, लेकिन यहां पर देखभाल करने का अभाव है. इससे तो अच्छा है कि गाय खुले में रहेगी तो कोई भी व्यक्ति इलाज कर सकता है. सेंटर खोलने का कोई मतलब नहीं निकला. यहां पर गाय इलाज के लिए तड़प रही है.


सैकड़ों गाये लंपी वायरस से संक्रमित


क्षेत्र में लंपी वायरस संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार भी देखा जाए तो किशनगढ़ रेनवाल नोडल क्षेत्र में अब तक करीब 1500 से अधिक गाय लंपी वायरस संक्रमण का शिकार हो चुकी है. जिनमें नोडल क्षेत्र में करीब 135 गाय लंपी वायरस संक्रमण से मौत होना बताया जा रहा है. वही करीब 150 गाय रिकवर हो चुकी है. 


किशनगढ़ रेनवाल नगर पालिका क्षेत्र में मृत मवेशियों को उठाने के लिए छोड़े गए टेंडर में कार्यरत ठेकादार का कहना है कि पिछले 15 दिनों में केवल किशनगढ़ रेनवाल नगर पालिका क्षेत्र में करीब 150 से अधिक गाय लंपी वायरस संक्रमण के चलते अकाल मौत का ग्रास बन चुकी है.ऐसे में चिकित्सा विभाग के आंकड़ों पर भी अब प्रश्न उठने लगे है. हालात यह है कि खुले में घूमने वाले गोवंश में अधिकतर गाय लंपी वायरस संक्रमण का शिकार हो चुकी है.


वही पशु पालकों और शहरी क्षेत्र में बाडो में रखने वाले गोवंश में भी संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. यदि राज्य और केंद्र सरकार के जरिए शीघ्र ही इस बीमारी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आनेवाले दिनों में क्षेत्र ही नही बल्कि पूरे देश में दूध का संकट भी गहरा सकता है.


Reporter: Amit Yadav


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