Politics on ACB order : एसीबी के एडीजी के भ्रष्ट व्यक्तियों की पहचान सार्वजनिक नहीं किए जाने के आदेश पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब तक सरकार आदेश को वापस नहीं लेगी तब तक विधानसभा और बाहर सड़क पर आंदोलन किया जाएगा.


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आदेश जारी होने बाद से ही इस मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने इस तरह भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम किया है. सारे सबूत मौके पर एकत्र किए जाते हैं, पूरी कार्रवाई के बाद स्क्रिप्ट तैयार करते हैं. परिवादी के पैसा देते ही घूसखोर को पकड़ते हैं. ऐसे केस में भी फोटो नहीं आएगा तो कब आएगा. 


समाज आरोपी से घृणा कैसे करेगा. कोर्ट जब आरोपी को सजा देगा तब देगा, लेकिन तब तक परिवादी सहित अन्य का मोरल डाउन हो जाएगा. भले ही साल दो साल बाद कोर्ट में सजा मिले, लेकिन फोटो छपने के बाद आरोपी सामाजिक कार्यक्रमों में जाता है तो लोगों की नजर से गिर जाता है. यही उसके लिए सजा वाली बात होती है. कई बार सरकार आरोपी के पकड़े जाने के बाद भी अभियोजन स्वीकृति नहीं देती है, विभाग भी प्रयास नहीं करता है. जो केस बनें है चालान बनें हैं, ऐसे में यदि फोटो जारी नहीं होगी तो ट्रेप का सारा काम खत्म हो जाएगा.


बीजेपी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि पहले कार्मिक विभाग बड़ी संख्या में घूसखोरों के खिलाफ अभियोजन स्वीक़ति नहीं देता, लेकिन अब एसीबी के एडीजी ने फरमान जारी किया है. भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी पर पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जाए. यह भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का काम सरकार कर रही है. बीजेपी इस आदेश का विरोध करेगी. जन आक्रोश सभाओं में वरिष्ठ नेता इस मामले को उठाएंगे, वहीं विधानसभा नहीं चलने देंगे जब तक फरमान वापस नहीं लिया जाता है.


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