Jaipur में चन्नी और गहलोत करेंगे `सियासी लंच`, जानिए क्या हो सकते हैं इनके मायने
पंजाब कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच पंजाब के नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मुलाकात करने जयपुर आ रहे हैं.
Jaipur: पंजाब कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच पंजाब के नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मुलाकात करने जयपुर आ रहे हैं. चन्नी के सम्मान में कल मुख्यमंत्री आवास पर अशोक गहलोत की तरफ से लंच का आयोजन रखा गया है. चरणजीत सिंह चन्नी का जयपुर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने का कार्यक्रम बता रहा है कि देश की कांग्रेस (Congress Party) में अशोक गहलोत का कद कितना बड़ा है.
अशोक गहलोत पंजाब के प्रभारी भी रह चुके हैं, लिहाजा पंजाब की सियासत को साधने के लिए चन्नी को जरूरी सियासी फिर भी मिलेंगे. इसके साथ ही पंजाब के साथ जल विवाद मसले के समाधान की दिशा में भी कोई कदम निकलने की पूरी उम्मीद है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चन्नी के सम्मान में लंच का आयोजन रखा है. इस भोज में गहलोत कैबिनेट के सभी मंत्री और प्रमुख कांग्रेस नेताओं को बुलाया है. चरणजीत सिंह चन्नी का कल 11 बजे जयपुर पहुंचेंगे और दोपहर बाद 2:15 बजे उनका वापस रवाना होने का कार्यक्रम है.
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पंजाब कांग्रेस के ऑब्जर्वर हरीश चौधरी भी चन्नी के साथ आ सकते हैं. गहलोत कैबिनेट में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Choudhary) अब भी चंडीगढ़ में कैंप करके पंजाब कांग्रेस विवाद पर हाईकमान के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं. चरणजीत सिंह चन्नी का यह कार्यक्रम बता रहा है, कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत का कद कितना बड़ा है. चन्नी ने सीएम बनने के बाद आलाकमान से मुलाकात कर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. इसके बाद जयपुर आकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मिलने के इस कार्यक्रम के पीछे कई सियासी संकेत छिपे हुए हैं.
अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग राज्यों में आय सियासी संकटों का सफलतापूर्वक समाधान किया है. गहलोत पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव में टिकट तय करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के प्रभारी रह चुके हैं, इसलिए भी चुनाव से पहले चन्नी चर्चा करना चाहते हैं. दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत के बीच अच्छी दोस्ती रही है, लेकिन पंजाब के ताजा घटनाक्रम ने इस दोस्ती को भी प्रभावित किया है. पंजाब सीएम से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन को अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कांग्रेस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी. बदले में कैप्टन ने एक इंटरव्यू में दो टूक कहा था कि गहलोत अपना राजस्थान संभालें, पंजाब में हस्तक्षेप नहीं करें. राजस्थान में पहले से बहुत सारी दिक्कतें हैं.
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अब कैप्टन की जगह सीएम बने चन्नी का गहलोत से मिलने आना नए सियासी समीकरणों की तरफ इशारा कर रहा है. पंजाब सीएम के साथ चर्चा में राजस्थान और पंजाब के बीच नहरी पानी के बंटवारे के मसले पर भी चर्चा हो सकती है. घड़साना में किसान छह बार पानी देने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब से राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी लेने पर चर्चा के आसार हैं. चन्नी के जयपुर दौरे को कांग्रेस की सियासत के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है. पंजाब में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में अशोक गहलोत के साथ चन्नी मौजूदा राजनीतिक मसलों पर चर्चा करेंगे.
पंजाब में नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में कलह जारी है. चन्नी को हाईकमान ने चुनाव से ठीक पहले सीएम बनाया है. ऐसे में सरकार को तेज गति से फैसले लेने के साथ पार्टी को भी साधकर चुनावी मोड में लाना चन्नी के सामने बड़ी चुनौती है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पंजाब कांग्रेस की सियासत के बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लंच डिप्लोमेसी के जरिए गहलोत सियासी मैसेज देने की रणनीति बना रहे हैं. कल चरणजीत सिंह चन्नी को दिए जाने वाले भोज और सियासी मुलाकात के कांग्रेस की राजनीति में गहरे मायने हैं.