LalChand Katariya: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के मंत्री लालचंद कटारिया के शैक्षणिक योग्यता को लेकर अजब-गजब मामला सामने आया है. लालचंद कटारिया ने जहां एक चुनाव में खुद को 12वीं पास बताया तो अगले चुनाव में वह सिर्फ दसवीं पास रह गए. चुनाव दर चुनाव उनकी शैक्षणिक योग्यता बदलती गई और इससे भी खास बात यह है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के जिस स्कूल से दसवीं और 12वीं पास होने का दावा किया था, उसे स्कूल ने इनकार कर दिया है कि लालचंद कटारिया नाम का कोई भी छात्र उनके स्कूल से पढ़ा है.


पहले 12वी और फिर 10वीं पास


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दरअसल लालचंद कटारिया ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में खुद को उत्तर प्रदेश के रायबरेली शहर के श्री नर्मदेश्वर इंटरमीडिएट कॉलेज से 12वीं पास बताया था, जबकि उसके बाद हुए साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कटारिया झोटवाड़ा से खड़े हुए और उन्होंने अपने एफिडेविट में खुद को दसवीं पास ही बताया.इतना ही नहीं इसके बाद साल 2009 में हुए लोकसभा के चुनाव में लालचंद कटारिया जयपुर ग्रामीण से चुनावी मैदान में उतरे. कटारिया ने अपने एफिडेविट में खुद को दसवीं पास बताया तो साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कटारिया एक बार फिर 12वीं पास हो गए. 


इसे लेकर जब आरटीआई फाइल की गई तो रायबरेली के श्री नर्मदेश्वर इंटरमीडिएट कॉलेज  की ओर से जवाब आया कि लालचंद कटारिया के उनके संस्थान से जुड़े हुए छात्र नहीं है नहीं रहे हैं. कॉलेज के प्रिंसिपल ने कटारिया के इस संस्थान से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट पास करने के सवाल के जवाब में लिखा कि लालचंद कटारिया ने श्री नरम देवेश्वर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट परीक्षा पास नहीं की है लालचंद कटारिया का कोई भी विवरण स्कूल के संस्थागत या व्यक्तिगत रिकॉर्ड में नहीं है.


इसके बाद यह मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. कुछ लोगों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है कि लालचंद कटारिया ने चुनाव दर चुनाव अपना झूठा शपथ पत्र दिया है. इसके खिलाफ अब सख्त एक्शन लेने की मांग की गई है. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी इस मामले को लेकर दस्तावेज भेजे गए हैं.


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