Rajasthan:  विधानसभा चुनाव के दौरान पेपर लीक के मामले ने राजस्थान में राजनीतिक हलचल मचा दी थी. जबकि कांग्रेस दावा कर रही थी कि उनकी सरकार ने पेपर लीक के आरोपियों को जेल में भेजा है, वही बीजेपी आरोप लगा रही थी कि पेपर लीक के आरोपियों को गहलोत की पुलिस जानबूझकर नहीं पकड़ रही थी. गहलोत के समर्थन में उठाए जाने वाले आरोपों ने इन दिनों बीजेपी के खिलाफ साबित होने की शुरुआत की है.


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 प्रदेश में भजनलाल सरकार  के आने से ही पेपर लीक  को लेकर लगातार एक्शन देखने को मिल रहा है. सिर्फ 12 दिनों में SOG ने पेपर लीक के अलग अलग मामलों में 15 आरोपी गिरफ्तारी की  हैं. इन गिरफ्तारियों के बाद  सवाल यह उठ रहा हैं कि पहले की गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम 8 महीनों में राजस्थान पुलिस आखिर क्या कर रही थी? आरोपियों की गिरफ्तार नहीं करने की वजह ऊपर से कोई दबाव तो नहीं था?


पेपर लीक के आरोपियों पर एक्शन शुरू
राजस्थान में सरकार बदलने के बाद, पेपर लीक मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. इस एसआईटी का मुखिया आईपीएस वीके सिंह थे और उन्होंने बहुत तेजी से काम करते हुए इन मामलों में गिरफ्तारियों को बढ़ावा दिया. पेपर लीक मामले के आरोपियों में से अब तक 15 को गिरफ्तार किया गया है. इसमें एक आरएएस अफसर, दो स्कूल व्याख्याता, एक जूनियर इंजीनियर, एक ज्वैलर, सरकारी अस्पताल का फिजियोथैरेपिस्ट, बिजली विभाग का कर्मचारी, और दो अन्य आरोपी शामिल हैं.


आगामी गिरफ्तारियों की संभावना
एसओजी और एटीएस के एजीडी को बदलने के बाद, वीके सिंह को एसओजी-एटीएस का एडीजी बनाया गया और उन्होंने इस मामले में गिरफ्तारियों की तेजी से कार्रवाई करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भी और बड़ी गिरफ्तारियां होंगी. इसके साथ ही, गहन पूछताछ की जाएगी और बागडोर जेल में बंद माफियाओं से फिर से पूछताछ की जाएगी. एसओजी ने यह भी कहा कि पेपर लीक के आरोपियों को संरक्षण देने वालों को भी गिरफ्तार करके सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा.


SOG के जरिए की गई बड़ी गिरफ्तारियां
RAS 2013 पेपर लीक मामले में एसओजी ने एक RAS अफसर (अलाइड) को भी पकड़ा.  सवाई माधोपुर में पदस्थ राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह को गिरफ्तार किया. आरोपी अजीत ने आरएएस भर्ती 2013 के पेपर लीक माफिया अमृतलाल मीणा से पेपर लेकर पढ़ा था. बाद में परीक्षा रद्द कर दी गई था और दोबारा परीक्षा होने पर अजीत का चयन किया गया था. इसी मामले से जुड़े एक जूनियर इंजीनियर और एक ज्वैलर को भी गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा सरकार स्कूल के दो व्याख्याताओं को भी डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा देने के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया. पेपर लीक के एक अन्य मामले में सरकारी अस्पताल का एक फिजियोथैरेपिस्ट और बिजली विभाग के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.


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