Jaipur News : गौतम अडानी मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राजस्थान में फिर से मामला गरमा गया है. राजस्थान के कांग्रेस-बीजेपी विधायकों में लट्ठम-लट्ठ हो रहा है, उन्होंने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल उठाया कि सरकार जांच को तैयार है, फिर जेपीसी गठन में आनाकानी क्यों ? वहीं बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने पलटवार किया कि कांग्रेस राजस्थान में अडानी को जमीन देती है, लेकिन जांच की मांग करती है, यह दोहरा चरित्र है कांग्रेस का.


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राजस्थान विधानसभा के बाहर मीडिया में प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा किअडाणी घोटाले की जांच जेपीसी से होनी चाहिए . केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है कि हम जांच को तैयार हैं, फिर केंद्र सरकार इस मामले में जेपीसी गठित क्यों नहीं कर जांच करा लेती. हमारे नेता राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेता जेपीसी की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने लाखों करोड़ो रूपए दे दिए अडाणी को. राजस्थान में जमीन आवंटन के सवाल पर खाचरियावास ने कहा कि हमने अडानी ग्रुप को केवल एमओयू साइन करके जमीन दी है. ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी पूरे देश की जांच कर सकती है, अगर गलत हुआ है तो राजस्थान की भी जांच होनी चाहिए. जांच में सब साफ हो जाएगा. जेपीसी में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के विधायक रहते हैं, सच्चाई सामने आ जाएगी. जो केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है उसकी जेपीसी से जांच करा लो सच्चाई सामने आ जाएगी.


वहीं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री साले मोहम्मद ने कहा पूरा देश जानता है कि अडानी जिस जगह पर आए हैं वह किसकी देन है . राजस्थान के विकास और सोलर प्रोजेक्ट के लिए हमने जमीने दी है तो यह सच भी है कि मेरे जिले जैसलमेर से 4800मेगा वाट, सोलर से बिजली मिल रही है. पूरी दुनिया में 8 साल पहले अदानी क्या थे यह खबर है और अब क्या बन गए हैं यह पूरा देश जानता है.


वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अडानी को लेकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है. राहुल गांधी सहित पूरी पार्टी अडानी का विरोध करती है, लेकिन अशोक गहलोत ने अडानी के लिए पलक-पावड़े बिछाए हुए हैं. एमओयू करके हजारों बीघा जमीनें अडानी को दी गई हैं. केंद्र कुछ करें तो राहुल गांधी विरोध करते हैं . कहीं ऐसा तो नहीं है कि राहुल गांधी के विरोध करने के बाद भी यहां एमओयू और जमीन देकर गहलोत राहुल गांधी का ही विरोध कर रहे हैं. अडानी मामले पर अमित शाह ने जो बोला है वह पर्याप्त है . किसी को जरूरत है तो कोर्ट में चला जाए. कांग्रेस वाले सिर्फ आरोप लगाते हैं.


उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ इस मामले को विधानसभा में भी उठा चुके हैं. सरकार द्वारा दी गई जमीनों के आंकड़े पर आंकड़े बताते हुए राठौड़ ने राजस्थान सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. जमीन लुटाना बंद करो, आपने इस अडाणी को हजारों बीघा जमीन दी है. तो वही मामले पर BJP के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी प्रदेश सरकार को जमीन आवंटन के मामले में घेरा है. इधर माकपा विधायक बलवान पूनियां ने भी कहा कि देश का माल अडाणी-अम्बानी ही खा रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार की मिलीभगत है.


गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्थान सरकार पर अडाणी को जमीनें देने और एमओयू करने की बात कही तो राजनीति गरमा गई थी. इसके बाद केंद्रीय गृह अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी के पास छिपाने लायक कुछ भी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान ले लिया है, हमें किसी बात से डरने की जरूरत नहीं है.


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