Rajasthan Coronavirus Report: कोविड से गहलोत सरकार ने किया मजबूती से मुकाबला, जानिए क्या-क्या किए इंतजाम
राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) तीन साल पूरे कर चुकी है. इस दौरान राजस्थान में निरोगी राजस्थान जैसे बड़े अभियान की शुरुआत की गई, जो आने वाले वक्त में मील का पत्थर साबित होता लेकिन कोरोना (Coronavirus) की एंट्री के बाद सबकुछ जैसे रुक गया और सबसे बड़ी प्राथमिकता कोरोना हो गया. साल 2021 फरवरी से लेकर जून तक देशभर में मचे हाहाकार से राजस्थान भी अछूता नहीं रहा लेकिन गहलोत सरकार ने आपदा को अवसर बनाते हुए मजबूत कदम उठाए.
Jaipur: साल 2020 में कोरोना की फर्स्ट वेव (Coronavirus First Wave) देश में आई. राजस्थान में भी इसका बड़ा असर देखने को मिला लेकिन राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने पूरी मजबूती के साथ इसका मुकाबला किया और पुख्ता प्रबंधन के चलते कोरोना को नियंत्रित किया गया.
साल 2021 के अप्रैल माह में कोरोना की सेकंड वेव (Coronavirus Secong Wave) आई और साल 2021 कोरोना काल का सबसे ज्यादा याद किये जाने वाला साल बन गया. इसी 2021 में आई कोरोना की सेकंड वेव में राजस्थान में 6 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित (Covid-19) होकर मौत के शिकार हुए. हजारों परिवार तबाह हो गये लेकिन राजस्थान ने हार नहीं मानी और मजबूती से कोरोना की सेकंड वेव का भी सामना किया.
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साल 2021 के दौरान राजस्थान में कोरोना की सेकंड वेव में 6 लाख से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव हुए और 6000 से ज्यादा लोग काल के ग्रास में समां गये. तमाम मुश्किलों और चुनौतियों के साथ भी राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने बेहतरीन कोरोना मैनेजमेंट किया और राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) की देशभर में प्रशंसा हुई और खुद पीएम मोदी (PM Modi) ने खुले मन से राजस्थान के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की.
राजस्थान में गहलोत सरकार तीन साल पूरे कर चुकी है. इस दौरान राजस्थान में निरोगी राजस्थान जैसे बड़े अभियान की शुरुआत की गई, जो आने वाले वक्त में मील का पत्थर साबित होता लेकिन कोरोना की एंट्री के बाद सबकुछ जैसे रुक गया और सबसे बड़ी प्राथमिकता कोरोना हो गया. इस साल कोरोना से राजस्थान में 6 लाख 45 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटीव (Corona Positive Cases) हुए तो 6 हजार 251 लोगों की मौत भी कोरोना से हो चुकी है. साल 2021 फरवरी से लेकर जून तक देशभर में मचे हाहाकार से राजस्थान भी अछूता नहीं रहा लेकिन गहलोत सरकार ने आपदा को अवसर बनाते हुए मजबूत कदम उठाए.
-कोविड जांच के लिए प्रदेश में 72 लैब स्थापित, एक लाख 45 हजार 278 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित की.
-निजी लैब में कोरोना की जांच की राशि 350 रुपये निर्धारित की.
-कोरोना के इलाज के लिए कुल 668 चिकित्सा संस्थान विकसित किए.
-इनमें 273 कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center), 249 डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर,146 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल.
-301 निजी अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए अधिकृत किए.
-प्रदेश में 36,834 आईसोलेशन बैड (Isolation Bed), 17033 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड, 5990 आईसीयू बैड (ICU Bed) स्थापित किए.
-कुल 12 चिकित्सा संस्थानों में प्लाज्मा थैरेपी की व्यवस्था.
-टोसिलोजुमाब और रेमडेसिविर इंजेक्शन की निशुल्क व्यवस्था कराई.
-निजी अस्पतालों को कम दरों में इलाज के लिए अधिकृत किया.
-चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया.
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-प्रदेश में 26 हजार हेल्थ कंसलटेंट और एक हजार हेल्थ सहायकों की नियुक्ति.
-333 सीएचसी में आईसीयू बैड की व्यवस्था.
-40 हजार से अधिक कंसन्ट्रैटर की व्यवस्था की गई.
-प्रदेश में 400 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे.
-कोरोना के नए वेरिएंट की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जांच सुविधा विकसित.
-इस साल 1 हजार 998 चिकित्सकों की भर्ती.
कोरोना से चल रही लड़ाई में देश में जैसे ही वैक्सीन आई, उसके बाद एक बहुत बड़ी उम्मीद देश के लिए दिखाई दी. वैक्सीन ने काम भी किया और हम सुरक्षित रह पाए. इस साल 16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान के साल के अंत तक आते-आते प्रदेश में 7 करोड़ 7 लाख 92 हजार 729 से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. इनमें 4 करोड़ 39 लाख 60 हजार लोगों को वैक्सीन की पहली और 2 करोड़ 68 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है. 100 फीसदी वैक्सीनेशन के लिए इन दिनों घर-घर दस्तक के तहत भी वैक्सीनेशन कराया जा रहा है.
साल 2021 में स्वास्थ्य विभाग की अन्य उपलब्धियां -
-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 3 साल में 3823 बच्चों की सर्जरी. इनमें 2024 बच्चों की हार्ट की सर्जरी और 1918 बच्चों की अन्य सर्जरी.
-खसरा-रुबेला अभियान में 2019 से लेकर अब तक एक करोड़ 96 लाख टीके लगाए गए.
-मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत तीन सालों में 3 करोड़ 76 लाख 197 टीकाकरण.
-जननी सुरक्षा योजना में तीन सालों में 27 लाख 53 हजार हजार प्रसुताएं लाभान्वित.
-तीन सालों में 38 लाख गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच.
-तीन सालों में 40 लाख गर्भवती महिलाओं के लगे 40 लाख टीके.
-तीन सालों में 36 लाख 67 हजार महिलाओं के कराए संस्थागत प्रसव.
-डेढ़ साल के दौरान 73 हजार टेली कंसलटेंशन कराए गए.
-अप्रैल 2020 से सितंबर 2021 तक 2 लाख 23 हजार 586 बच्चों को इलाज के लिए स्पेशल न्यूबोर्न केयर युनिट में भर्ती किया गया.
राजस्थान में इलाज में आने वाले खर्चे से मुक्त करने के लिए इसी साल मई से राज्य में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) भी शुरू की गई है. इस योजना में सरकारी चिकित्सालयों के साथ ही 471 पंजीकृत निजी चिकित्सालयों के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार दिया जा रहा है. वर्तमान में इंश्योरेंस कंपनी नेशनल हेल्थ एजेंसी के माध्यम से हेल्थ बेनिफिट पैकेज 2.0 के अंतर्गत बीमारियों के 1572 पैकेज में रोगियों का निशुल्क उपचार किया जा रहा है.
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सीएम गहलोत ने हेल्थ बेनिफिट पैकेज 2.2 के तहत 15 और नए पैकेज जोड़े जाने की भी मंजूरी दी है, जिससे योजना में अब रोगियों को ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट सर्जरी, इसके पोस्ट ट्रांसप्लांट मेडिकेशन (Transplant Medication), ऑथ्र्रोस्कॉपी (Arthroscopy), गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग (Gastrointestinal bleeding) से संबंधित जनरल सर्जरी और विभिन्न न्यूरोसर्जरी से संबंधित निशुल्क उपचार की सुविधा भी मिल सकेगी.
हेल्थ बेनिफिट पैकेज की दरों में इस वृद्धि से राज्य सरकार को लगभग 350 करोड़ रुपये का वित्तीय भार वहन करना होगा. इसके अलावा नंवबर माह से प्रदेश में हेल्थ कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि पंचायत स्तर पर ही विभिन्न तरह की जांचों के अलावा इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा सके. राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने के लिए साल 2021 में जितने कार्य हुए हैं, उतने पिछले कई सालों में नहीं हुए हैं. राज्य सरकार का कोरोना मैनजमेंट ही रहा, जिसके कारण कई राज्यों की तुलना में राजस्थान में हालात अन्य राज्यों की तरह नहीं बने.