JJM scam - राजस्थान के जल जीवन मिशन घोटाले में ईडी की जांच तेज हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने पीएचईडी को खत लिखकर ठेकेदारों और इंजीनियर्स की धड़कनें तेज कर दी है. ऐसे में जेजेएम घोटाले के मास्टरमाइंड पदमचंद जैन और महेश मित्तल की मुश्किलें और बढ़ सकती है.


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2020 से 2023 तक की रिपोर्ट मांगी
राजस्थान के जल जीवन मिशन में लूट मचाने वाली फर्में गणपति और श्री श्याम फर्म की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. क्योंकि ईडी ने पीएचईडी को खत लिखकर पिछले तीन साल के टैंडर की रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में ईडी की जांच में और अधिक चौकाने वाले खुलासे हो सकते है. ईडी ने दोनों फर्मों की 2020 से 2023 तक तीन साल के टैंडर की रिपोर्ट मांगी है. ईडी के डिप्टी डायरेक्टर आनंद प्रकाश ने जलदाय विभाग को पत्र लिखकर रिपोर्ट में चार पाइंट्स पर फोकस किया.


 



रिपोर्ट में इन चार पाइंट्स पर किया फोकस
1.क्या श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म ने नवीनीकरण के बाद में इरकॉन के प्रमाण पत्रों का उपयोग किया है.
2. दोनों फर्मों द्वारा टैंडर में लगाए गए इरकॉन के सभी प्रमाण पत्रों की प्रतियां ईडी को उपलब्ध करवाए.
3.उच्च स्तरीय कमेटी,जिसमें तत्कालीन डीएस गोपाल सिंह,चीफ इंजीनियर दलीप गौड़ और फाइनेंस एडवाइजर केसी कुमावत की जांच रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जाए.
4. इसके अलावा एक फार्मेंट में दोनों फर्मों की डिटेल मांगी गई,जिसमें एनआईटी नंबर,वर्क आर्डर,किसने पैमेंट किया,कहां कहां इरकॉन के सर्टिफिकेट लगाए गए.


ईडी चुस्त,पीएचईडी सुस्त-


 इन डिटेल के लिए चीफ इंजीनियर राकेश लुहाडिया ने सभी एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को पत्र लिखकर ये जानकारी मांगी है. ये तो पहले ही तय हो गया था कि, केंद्र सरकार में रेलवे की उपक्रम कंपनी इरकॉन के नाम पर दोनों फर्मों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवाए,जिसमें नीचे से ऊपर तक मिलीभगत थी.ईडी की जांच तेजी से आगे बढ़ रही,लेकिन पीएचईडी की चाल सुस्त चल रही है.ईडी ने पीएचईडी को 19 जनवरी को खत लिखकर ये डिटेल्स मांगी,जिसके बाद संयुक्त सचिव बचनेश अग्रवाल ने 7 फरवरी को सभी चीफ इंजीनियर को खत लिखा.फिर 19 फरवरी को चीफ इंजीनियर राकेश लुहाडिया ने सभी एडिशनल चीफ को पत्र लिखा.लेकिन अब इस डिटेल के बाद अब दोनों फर्मों के 900 करोड़ के घोटाले का आंकड़ा और बढ़ सकता है.