Rajasthan Breaking News:प्रदेश में इस वित्त वर्ष में जहां अभी तक मदिरा दुकानों के उठाव का रुझान धीमा रहा है, लेकिन अब आबकारी विभाग ने मदिरा लाइसेंसियों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इन राहत देने वाले कदमों से विभागीय अधिकारियों को अब लगभग सभी दुकानों के उठाव की उम्मीद है. 


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क्या हैं नीति में किए गए खास प्रावधान
एक तरफ जहां आबकारी विभाग ने मौजूदा लाइसेंसियों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मदिरा दुकान नवीनीकरण का अवसर दिया है. साथ ही अगले वर्ष 2025-26 के लिए भी नवीनीकरण का प्रावधान किया गया है. इससे लाइसेंसियों को हर साल नई दुकान लगाने पर खर्च होने वाली लागत में बचत हो सकेगी. 


पूर्व के वर्षों में वार्षिक गारंटी राशि या मदिरा उठाव की वास्तविक राशि जो भी ज्यादा रहती थी, उसी के आधार पर अगले वर्ष की गारंटी राशि या न्यूनतम आरक्षित राशि तय की जाती थी. लेकिन इस वर्ष आबकारी नीति में मौजूदा वार्षिक गारंटी राशि को ही अगले वर्ष की गारंटी राशि का आधार बनाया गया है. विभाग ने इस बार गारंटी पूरी नहीं हो पाने पर गारंटी राशि के 20 फीसदी तक राज्य में किसी अन्य लाइसेंसी को हस्तांतरण करने की सुविधा दी है.


 जबकि पहले यह सुविधा सम्बंधित जिले में ही मिलती थी. लाइसेंसी के लिए दुकान के लोकेशन स्वीकृत कराना भी बड़ा टास्क रहता है, लेकिन इस बार यह प्रावधान किया गया है कि उसी जगह पर लोकेशन स्वत: ही स्वीकृति की जा सकेगी.




मदिरा कारोबारियों के लिए बड़ी राहत क्या ?


- पहले नवीनीकरण में गारंटी पर 12 से 15 प्रतिशत की वृद्धि होती थी


- लेकिन इस वर्ष केवल 10 प्रतिशत की सामान्य वृद्धि की गई


- वार्षिक लाइसेंस फीस को 3 किश्तों में जमा कराने की सुविधा दी गई


- ALF की सम्पूर्ण राशि के विरुद्ध देशी मदिरा उठाव की भी अनुमति


- कुल गारंटी में 1 भाग देशी मदिरा का व शेष कोई भी मदिरा ले सकेंगे


- पूर्व व्यवस्था में मासिक गारंटी गणना में होने वाली कठिनाई खत्म हुई


- RML, देशी मदिरा के राइडर लगभग खत्म किए गए


- मासिक गारंटी पूर्ति की व्यवस्था, गारंटी पूर्ति को 10 दिन अतिरिक्त मिलेंगे


- किसी माह अधिक मदिरा उठाव किया तो कभी भी समायोजन कराना संभव



आबकारी नीति में किए गए संशोधनों में बड़ी राहत देशी मदिरा और राजस्थान निर्मित मदिरा के राइडर को हटाकर दी गई है. इसमें देशी मदिरा की गारंटी में केवल 25 फीसदी आरएमएल और 25 फीसदी जीएसएम निर्मित मदिरा उठाने का प्रावधान किया गया है. पहले यह राइडर 50 प्रतिशत तक था. यदि कोई लाइसेंसी आरएमएल या जीएसएम की मदिरा नहीं उठाना चाहता तो उसे 10 रुपए प्रति बल्क लीटर की फीस जमा कराकर पसंद की देशी मदिरा उठाने की अनुमति दी गई है.



आबकारी नीति में यह भी खास
- सम्बंधित क्षेत्र में किसी भी जगह 2 गोदाम लगा सकेंगे
- ऑनलाइन डिमांड देने पर सीधे निर्माताओं से मदिरा आपूर्ति होगी
- मदिरा परिवहन के वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा
- 6 फीसदी धरोहर राशि जमा करने के लिए अब 5 दिन मिलेंगे
- 5 फीसदी ईपीए राशि पहले बोली के 5 दिन में करनी होती थी जमा
- अब 5 फीसदी ईपीए राशि 31 मार्च तक जमा करने की छूट


खास बात यह भी है कि पहले आबकारी नीति पूरे साल के लिए लागू होती थी. लेकिन इस बार विभाग ने अगस्त-सितंबर में इसकी समीक्षा करने का प्रावधान किया है. यानी यदि लाइसेंसियों को नीति से जुड़ी समस्याएं होंगी तो उनको सुनकर समय पर समाधान किया जाएगा. देखना होगा कि इन राहतों को दिए जाने के बाद मदिरा दुकानों के उठाव के आंकड़े में कितना सुधार आएगा.


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