Rajasthan Farmer Good News: प्रदेश में रबी सीजन की बुवाई शुरू हो चुकी है. अब किसानों के लिए खाद की पर्याप्त उपलब्धता रखना कृषि विभाग के समक्ष बड़ी चुनौती है. कृषि विभाग ने केन्द्र सरकार से जरूरत के मुताबिक यूरिया और डीएपी (DAP) की स्वीकृति ले ली है. ऐसे में इस बार कृषि विभाग का प्रयास है कि फसल सीजन में किसानों को खाद की किल्लत न हो.


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सर्दियों के सीजन में जब सरसों और गेहूं की फसल बुवाई होती है तो शुरुआत से ही डीएपी और यूरिया की काफी डिमांड रहती है. गेहूं बुवाई के दौरान ही डीएपी की मांग को लेकर किसानों की यह शिकायत रहती है कि उन्हें बुवाई से पूर्व पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल पाता. किसानों की इन्हीं शिकायतों को समझते हुए कृषि विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है.


कृषि विभाग के आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी लगातार इस बारे में मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके लिए कृषि विभाग ने अपनी डिमांड पहले से ही केन्द्र सरकार को भिजवा दी थी. जिस पर केन्द्र सरकार से स्वीकृति भी मिल चुकी है. अक्टूबर माह में अब तक किसानों को यूरिया या डीएपी की किल्लत नहीं हुई है. कृषि विभाग से जुड़े आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अभी तक प्रदेश में जरूरत से अधिक यूरिया और डीएपी उपलब्ध है. हालांकि इस बार पिछले साल के मुकाबले डीएपी की स्वीकृति कम मात्रा में ली गई है, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि किसानों के लिए डीएपी की कमी नहीं रहेगी.


केन्द्र से कितना खाद स्वीकृत हुआ ?



- रबी सीजन के लिए केन्द्र सरकार ने 14.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया स्वीकृत किया
- रबी सीजन के लिए 3.80 लाख मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया
- हालांकि पिछले साल 4.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी स्वीकृत किया गया था
- लेकिन विभाग के मुताबिक, कमी नहीं रहेगी, पहले से डीएपी का स्टॉक उपलब्ध
- 13 अक्टूबर तक केन्द्र से 1.60 लाख टन यूरिया, 0.58 लाख टन डीएपी मिल चुका
- लगातार आपूर्ति जारी रहने से किसानों को खाद की कमी नहीं रहेगी


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पिछले 5 सालों के रबी सीजन की बात करें तो वर्ष 2019-20 में सर्वाधिक मांग रही थी. इस दौरान प्रदेश में 15 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग की गई थी. हालांकि विभाग के प्रयासों से 15.29 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय उस वर्ष हो सका था. इस तरह किसानों के लिए कृषि विभाग ने जरूरत से अधिक यूरिया मुहैया करवाया था. डीएपी के मामले में भी वर्ष 2019-20 में ही सर्वाधिक डिमांड थी. उस दौरान 5.86 लाख मीट्रिक टन डीएपी का विक्रय हुआ था.



अभी राजस्थान में कितना यूरिया-डीएपी उपलब्ध ?


- वर्ष 2022-23 में रबी सीजन में 4.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की थी डिमांड


- केन्द्र सरकार से 4.23 लाख टन डीएपी की आपूर्ति हुई


- इसमें से 3.33 लाख मीट्रिक टन ही डीएपी की बिक्री हो सकी


- इसे देखते हुए इस बार घटाई गई डीएपी की डिमांड


- 3.80 लाख मीट्रिक टन ही रखी गई डीएपी की डिमांड


- अभी प्रदेश में 2.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध


- साथ ही 0.69 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध


कुल मिलाकर कृषि विभाग के इन प्रयासों से इस बार रबी सीजन में खाद की किल्लत होने की आशंका नहीं है, हालांकि इसके लिए जरूरत इस बात की है कि केन्द्र सरकार की तरफ से लगातार डीएपी और यूरिया की रैक मिल सकें. अगर रैक मिलने में निरंतरता नहीं रही, तो किसानों के लिए संकट खड़ा हो सकता है.


Reporter- Kashiram Chaudhary