किसानों को मूंगफली की बुआई के लिए बिजली की जरूरत तो डिस्कॉम ने शुरू की कटौती
राजस्थान में मौसम की मनमर्ज़ियों के बीच बिजली का संकट फिर बढ़ गया है. 4 दिन से मानसून सुस्त हुआ तो बिजली की डिमांड बढ़ गई. मानसून के सुस्त, बारिश का सिलसिला कम होते ही फिर से उद्योगों, गांवों में घरेलू-कृषि कनेक्शनों में बिजली कटौती होने लगी है.
Rajasthan News: राजस्थान में मौसम की मनमर्ज़ियों के बीच बिजली का संकट फिर बढ़ गया है. 4 दिन से मानसून सुस्त हुआ तो बिजली की डिमांड बढ़ गई. मानसून के सुस्त, बारिश का सिलसिला कम होते ही फिर से उद्योगों, गांवों में घरेलू-कृषि कनेक्शनों में बिजली कटौती होने लगी है. पिछले चार दिन की तुलना में शुक्रवार को करीब 2500 मेगावाट बिजली की डिमांड बढ़ी है. इससे बिजली संकट को देखते हुए डिस्कॉम्स ने औद्योगिक क्षेत्रों में सप्ताह के दो दिन शाम से अगले दिन सुबह तक बिजली बंद रखने का आदेश फिर से लागू कर दिया है. इसको लेकर संबंधित क्षेत्रों के सहायक अभियंताओं की ओर से उद्योगों को मैसेज दिया जा रहा है.
आदेश के बावजूद फैक्ट्री में मशीनरी का लोड लेने पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा सकती है. वहीं, मूंगफली की बुआई वाली पश्चिमी राजस्थान के जिलों में बिजली की डिमांड 25 फीसदी तक बढ़ी है. प्रदेश में रोजाना 3100 लाख यूनिट बिजली सप्लाई हो रही है. पिछले सप्ताह बिजली की डिमांड 12500 मेगावाट तक रह गई थी, लेकिन अब डिमांड 15000 , मेगावाट तक पहुंच गई है. वहीं बिजली किल्लत के नाम पर एनर्जी एक्सचेंज से 10 रु. प्रति यूनिट तक महंगी बिजली खरीदी जा रही है. बिजली खरीद की जिम्मेदारी ऊर्जा विकास निगम के एमडी एमएम रणवां और चीफ इंजीनियर मुकेश बंसल पर है.