Jaipur: राजस्थान कांग्रेस की सियासत की तस्वीर अब लगभग साफ हो गई है. पिछले 25 सालों की सियासत में राजस्थान को मुख्यमंत्री के तौर पर नया चेहरा मिलने जा रहा है. पिछले 25 सालों में अशोक गहलोत पहले नेता होंगे, जो अपने मुख्यमंत्री का तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. पार्टी आलाकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बदलाव का मन बना लिया है और यही संदेश लेकर आज कांग्रेस के 2 वरिष्ठ नेता जयपुर आ रहे हैं.


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राजस्थान की सियासत में तीन दशक से पहले भैरोसिंह शेखावत फिर मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का ही दबदबा रहा है. जब-जब सरकार बदली है तीनों ही नेताओं ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है लेकिन, 1 लंबे अरसे के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर बड़ा बदलाव होने जा रहा है. पार्टी आलाकमान के निर्देशों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम का पद छोड़ने का मन बना लिया है. 


अशोक गहलोत के बाद राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा. कांग्रेस आलाकमान ने यही संदेश देने के लिए आज ऑब्जर्वर के तौर पर वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन को जयपुर भेजा है, दोनों नेता शाम 7 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाले विधायक दल की बैठक में पार्टी आलाकमान का संदेश सुनाएंगे. 


इस बात की पूरी संभावना है कि कुछ विधायकों को छोड़कर अधिकांश विधायक आलाकमान के फैसले पर सहमती जताई. बैठक के बाद गहलोत मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते हैं और नवरात्रि में नए मुख्यमंत्री को पद की शपथ दिलाई जा सकती है. 


नए मुख्यमंत्री के साथ जातिगत सियासी और भौगोलिक समीकरणों को साधने के लिए दो डिप्टी सीएम भी शपथ ले सकते हैं. बैठक में शामिल होने के लिए सचिन पायलट दिल्ली से जयपुर सड़क मार्ग से रवाना हो चुके हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के नामांकन से पहले जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं.  कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान की सियासत में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसके क्या परिणाम होंगे ये 2023 के चुनाव परिणाम ही बता पाएंगे. 


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