Rajasthan Highcourt: राजस्थान हाईकोर्ट ने भारी वाहन चलाना सीखने वाले अभ्यर्थियों के पास ओटीपी नहीं आने पर प्रमुख परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सहित अलवर आरटीओ व डीटीओ को नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अभ्यर्थियों के पास ऑनलाइन ओटीपी ही नहीं आ रहा है, तो उनका प्रशिक्षण तय समय में कैसे पूरा हो पाएगा. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अवनी मोटर ड्राइविंग स्कूल व 3 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.


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याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने मोटर ड्राइविंग स्कूलों के लिए 13 अप्रैल, 2018 को एमडीएसआर-2018 गाइडलाइन जारी की. यह गाइड लाइन केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम के तहत जारी की गई. जबकि राज्य सरकार को केन्द्रीय कानून के तहत गाइडलाइन जारी करने का अधिकार नहीं है. वहीं इस गाइड लाइन के तहत भारी वाहनों के लिए तीस दिन का प्रशिक्षण का प्रावधान है. वहीं अब पाठ्यक्रम में उपस्थिति को ऑनलाइन कर दिया गया है. अभ्यर्थी को कक्षा में जाने के बाद ओटीपी सृजित करना होगा और इसे स्कूल संचालक को देने के बाद वह उसे परिवहन विभाग को भेजेगा. इसी तरह कक्षा पूरी होने के बाद भी ओटीपी सृजित कर ऐसी कार्रवाई करनी होगी. 


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ओटीपी नहीं भेजने से उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही
याचिका में कहा गया कि परिवहन विभाग अभ्यर्थियों को ओटीपी ही नहीं भेज रहा है. जिसके चलते अभ्यर्थियों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही और उनका एक माह का कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा. ऐसे में स्कूल संचालक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी नहीं दे पा रहे हैं और इसके अभाव में उनका भारी वाहन का लाइसेंस भी नहीं बन पा रहा है. याचिका में कहा गया कि ओटीपी के अभाव में कक्षाएं नहीं होने के चलते याचिकाकर्ता को लाखों रुपए के भारी वाहन धूल खा रहे हैं. ऐसे में उन्हें ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित कराने की अनुमति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.