Jaipur News:राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में हुए अस्थाई अतिक्रमणों को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने अफसरों को बुलाकर कहा कि उन्हें मामले में रिपोर्ट नहीं ठोस कार्रवाई और परिणाम चाहिए. वहीं अदालत ने हाईकोर्ट बार अध्यक्ष को कहा कि कोर्ट हर थाना स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए वकील नियुक्त करना चाहती है, इसलिए वे इस संबंध में वकीलों की सूची पेश करें. 


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अदालत ने मामले में अधिवक्ता शोवित झाझडय़िा को न्यायमित्र नियुक्त किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. अदालत ने इन विभागों के अफसरों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि फुटपाथ की जमीन पर भी अतिक्रमण हो गया है. शहर में ज्यादातर मिठाई की दुकानों दस फीट अंदर हैं तो बीस फीट रोड पर ही हैं. ये लाखों रुपए प्रति वर्गगज की जमीन का उपयोग कर रहे हैं लेकिन आप लोग आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं. शहर में हर आदमी ट्रैफिक में फंसा हुआ रहता है और आपके लोग उस पर ध्यान ही नहीं देते.



सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में पुलिस कमिश्नर और दोनों नगर निगम आयुक्त और जेडीसी वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए. वहीं डीसीपी ट्रेफिक व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर हुए. अदालत के पूछने पर नगर निगम आयुक्त ने कहा कि पिछले एक माह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. 



बीते पंद्रह दिनों से पुलों के नीचे से अतिक्रमण हटाए जा रहे है, जबकि आगामी पखवाड़े में कैफे, रेस्तरां आदि से अतिक्रमण हटाया जाएगा और रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी.इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट नहीं ठोस कार्रवाई और परिणाम चाहिए. अदालत के पूछने पर निगम आयुक्त ने कहा कि पुलिस की सहायता से अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं. वहीं पुलिस आयुक्त ने भी अतिक्रमण हटाने के बारे में जानकारी दी. 


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