Manipur Violence: कुकी समूह दावा किया है कि जिरीबाम में मारे गए लोगो गांव के स्वयंसेवक थे. हालांकि, राज्य पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि मुठभेड़ ख़त्म होने के बाद घटनास्थल पर बड़ी तादाद में हथियार और गोला-बारूद पाए गए थे.
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Manipur Violence: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के जिरीबाम में सेना की गोलीबारी में मारे गए आतंकियों के लिए स्थानी लोगों ने इंसाफ की मांग की. मंगलवार को हजारों की संख्यां में लोगों ने खाली ताबूतों के साथ मार्च किया. उन्होंने कहा कि सभी मारे गए गांव के स्वंयसेवक थे. वहीं मणिपुर पुलिस ने बताया कि पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दस संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे.
अत्याधुनिक हथियारों से लैस वर्दीधारी उग्रवादियों ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और जिरीबाम के जकुराधोर में निकटवर्ती सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी. इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी कार्रवाई की जिसमें 10 आतंकी मारे गए.
संयुक्त परोपकारी संगठन (जेपीओ) द्वारा आयोजित रैली सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई. इसमें मारे गए लोगों के लिए इंसाफ और पहाड़ी इलाकों में अलग प्रशासन की मांग वाली तख्तियां लेकर सैकड़ों लोग शामिल हुए. यह रैली पिछले साल मई से राज्य में जातीय हिंसा में मारे गए कुकी लोगों के स्मारक 'वॉल ऑफ रिमेंबरेंस' पर खत्म हुआ. इसके बाद लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा.
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हथियार और गोला-बारूद बरामद
कुकी समूह दावा किया है कि जिरीबाम में मारे गए लोगो गांव के स्वयंसेवक थे. हालांकि, राज्य पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि मुठभेड़ ख़त्म होने के बाद घटनास्थल पर बड़ी तादाद में हथियार और गोला-बारूद पाए गए थे.
हिंसा में अब तक 220 लोगों की हुई मौत
पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मैतई और निकटवर्ती पहाड़ी स्थित कुकी समुदाय बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.