jaipur: जालोर-सिरोही से सांसद देवजी पटेल ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकत कर संसदीय क्षेत्र के अस्पतालों को एम्स के द्वारा गोद लिए जाने की मांग की. 


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देवजी पटेल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार दोनों जिलों की कुल जनसंख्या लगभग 35 लाख है. जिले में 2001-2011 के दशक में जनसंख्या में कुल वृद्धि 26.31 प्रतिशत रही है. जिले में शहरी आबादी कम है जबकि ग्रामीण आबादी 92.41 प्रतिशत हैं. जालोर जिला जोधपुर संभाग मे स्थित है, जोकि जोधपुर से 140 किमी दूर है. जालोर एवं सिरोही के लोगों को गंभीर बीमारी के ईलाज के लिए अहमदाबाद, जोधपुर और उदयपुर जाना पड़ता है, जो काफी खर्चीला और परेशानी से भरा होता है.


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जालोर जिले में लगभग 125 सी-टाइप गांव हैं, जहां उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं हैं. जालोर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की काफी कमी है, जिससे यहां के ग्रामीण लोग को झोला छाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है. सिरोही जिला नीति आयोग के आंकाक्षी जिला में शामिल है. सिरोही जिला राजस्थान राज्य में साक्षरता के आकड़ों में भी काफी पिछड़ा है. सिरोही जिला में स्थित पिण्डवाडा तहसील के अधिकतम पंचायत मे भील गरासिया और मीणा अनुसूचित जनजाति निवास करती है. इस क्षेत्र में महिलाओं में साक्षरता दर कम होने से जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना एनीमिया, निमोनिया, निर्जलीकरण और दस्त आदि बीमारियां अधिक होती हैं. बाल मृत्युदर उन बच्चों में अधिक है जिनकी माताएं गर्भ से सम्बन्धित आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल या वैज्ञानिक सलाह नहीं प्राप्त कर पाती हैं. इसलिए राजकीय सामान्य चिकित्सालय जालोर, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भीनमाल , राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेवदर और  राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पिण्डवाडा को एम्स द्वारा गोद लिया जाए चिकित्सालय मे विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवा मिल सके. 


 


Reporter: Manohar  Vishnoi