Rajasthan News:  बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक. बैठक में जब कई विभागों के आंकड़ों में फर्क मिला तो चंद्रभान ने कहा कि जब जनता का इतना सारा धन खर्च होता है.तो कामों का फिजिकल वेरिफिकेशन भी टाइम पर होना चाहिए.कामों से जुड़े आंकड़े बिल्कुल करेक्ट होने चाहिए.वरना इनपर प्रश्नवाचक चिह्न खड़ा होता है.उन्होंने बैठक में अधिकारियों की गैरमौजूदगी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब बैठक में अधिकारी नहीं आएंगे तो रिव्यू कैसे होगा.


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जयपुर जिला परिषद सभागार में करीब 10 माह बाद बीस सूत्री कार्यक्रम की रिव्यू बैठक में उपाध्यक्ष चंद्रभान विभागों के अधिकारियों की गैरमौजूदगी को लेकर नाराजगी जताई.एक-एक विभाग के कार्यो की समीक्षा के दौरान जब कृषि विभाग,राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम,हायर एज्युकेशन,नगर निगम ग्रेटर जयपुर का नंबर आया तो पता चला उन विभागों का एक अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं.


खुद जिला परिषद सीईओ शिल्पा सिंह भी अनुपस्थित रही.कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित भी छुट्‌टी पर होने के कारण नहीं आ सके.इस दौरान बीसूका उपाध्यक्ष डॉ.चंद्रभान को बैठक में बार-बार यही कहना पड़ा कि अधिकारी ही नहीं है तो कैसे रिव्यू करें.चंद्रभान ने तंज कसते हुए कहा कि जयपुर एकमात्र ऐसा जिला है जहां इतनी महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारी मौजूद नहीं होते है.जबकि सभी जिलों में कलेक्टर और अन्य सभी डिपार्टमेंट के एचओडी बैठक में आते है.


यहां तो कलक्टर या तो चीफ मिनिस्टर की मीटिंग या फिर VC होने के कारण मीटिंगों में ही नहीं आते.पिछली मीटिंग में भी पीएचईडी के अधिकारी नही आये थे. ना ही बैठक में नही आने पर नोटिस दिया गया. 


आपको बात दें कि बीस सूत्री कार्यक्रम देश से गरीबी हटाने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य वंचित,पिछड़ों,आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषित वर्ग के जीवन स्तर में सुधार करना है.


इस बैठक में सरकार के तय किए टारगेट वर्क पर विभागों ने कितना-कितन काम किया और सरकार की फ्लेगशिप स्कीम से ग्राउण्ड स्तर पर लोगों का क्या रेस्पॉन्स है.इसकी जानकारी के लेने के लिए ये बैठक आज बुलाई गई.


जयपुर जिले में दो सीएमएचओ है और मेडिकल सेक्टर में सबसे ज्यादा फ्लैगशिप स्कीमें सरकार चला रही है.उन्होंने जब मेडिकल सेक्टर से संस्थागत प्रसव, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान, चिरंजीवी योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच और दवा योजना के बारे में जानकारी थी.उन्होंने पूछा कि क्या कोई सीएमएचओ यहां आया है, तो बैठक में मौजूद डिप्टी सीएमएचओ ने कहा कि वे किसी कार्यक्रम में गए है...इसके बाद चंद्रभान ने पूछा कि जयपुर में सबसे ज्यादा मिलावटी केस मिलते आप लोगों ने इतने केस भी पकड़े, लेकिन सजा कितने को दिलाई ये बताई.


इस पर डिप्टी सीएमएचओ कोई जवाब नहीं दे पाई.उन्होंने कहा कि सजा तो नहीं दी गई, लेकिन चालान जरूर बनाए गए है.इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा कर बताया जाएगा की शुद्ध के लिए कोई युद्ध नहीं चल रहा है.बैठक में नरेगा के मुद्दे पर चर्चा हुई तो देखा कि जयपुर में औसतन 14 से 21 दिन का भी औसत वर्किंग डे नहीं हो रहा.चंद्रभान ने अधिकारियों को बताया कि इस साल जुलाई तक आपने जयपुर में 4.36 लाख जॉब कार्ड जारी किए है.


जबकि इसके बदले अब तक 24.92 लाख मानव दिवस ही किए गए है.उन्होंने कहा कि आखिर जयपुर में हो क्या रहा है.क्या आप मनरेगा मजदूरों से काम नहीं ले पा रहे है या आपके पास काम करवाने के लिए प्लानिंग नहीं है.बीसूका उपाध्यक्ष ने बढ़ती जनसंख्या और अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई को लेकर भी चिंता जाहिर की.


बहरहाल, पिछले दो सालों में बीस सूत्रीय कार्यक्रम में जयपुर जिला 22वे पायदान पर है. 2021-22 और 2022-23 में जयपुर जिला 22वे नंबर पर रह है। इन दो सालों में रैंकिंग नीचे नही गिरी तो सुधार भी नही हुआ. लेकिन इस वित्तीय वर्ष में अब तक 7वें नंबर जयपुर जिले की प्रगति रिपोर्ट है। सरकार की मंशा के अनुरूप प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी योजना से लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें


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