Rajasthan News: राजस्थान में घरेलू सप्लाई के लिए जलदाय विभाग ने फिर से सकुर्लर रिवाइज किया है, ताकि घरेलू पेयजल का कमर्शियल गतिविधियों में उपयोग ना हो सके. पीने के पानी के दुरुपयोग के लिए जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा ने ये सर्कुलर फिर से जारी किया, ताकि उपभोक्ताओं को अपनी जिम्मेदारी पता लग सके.


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कामर्शियल उपयोग पर बैन


राजस्थान में पीने के पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए जलदाय विभाग ने एक बार फिर से सर्कुलर रिवाइज कर चेताया है. घरेलू सप्लाई के पानी का दुरुपयोग करने पर पीएचईडी ने आदेश जारी किए है. पीने के पानी का इस्तेमाल मकान मालिक अब घरेलू उपयोग के अलावा अन्य किसी काम में नहीं कर सकेंगे. घरों में सप्लाई होने वाले पानी का उपयोग गाड़ी धोने, मैरिज गार्डन और कामर्शियल में करने पर रोक रहेगी. यदि बिल्डिंग निर्माण में पानी का उपयोग करते हैं, तो पहले की तरह की चार गुना बिल देना पडेगा.


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उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी


घर के अंदर अगर पानी नलों से लीकेज हो रहा है, तो भी मकान मालिक की जिम्मेदारी होगी. यदि नालों से लीकेज हुआ तो उन्हें 1 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. इसके बाद भी पानी की बर्बादी नहीं रुकी तो हर दिन 50 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है. फिर भी सुधार नहीं होने पर कनेक्शन काटने और सजा का प्रावधान भी है. 


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जलदाय विभाग की ओर से सप्लाई किए जा रहे पानी का उपयोग घरों में यूज कर सकेंगे. इस पानी का प्राइवेट स्वीमिंग पुल, बिल्डिंग-मकान बनाने, रेस्टोरेंट, होटल, मैरिज गार्डन, स्कूल, सार्वजनिक फाउंटेन, क्लब हाउस, सिनेमा घर, बोर्डिंग हाउस सहित अन्य कामर्शियल गतिविधि में उपयोग नहीं कर सकेंगे. इन जगहों पर घरेलू पानी का उपयोग करते पाए जाने पर भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. इतना ही नहीं, कोर्ट में भी याचिका दायर की जाएगी.


 



दुरुपयोग रोकना विभाग की जिम्मेदारी


घरेलू पानी का कई तरह से दुरुपयोग हो रहा है. इसको रोकना विभाग की जिम्मेदारी है. पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत प्रदेशभर में जो भी लोग घरेलू जल का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों में कर रहे हैं, उनके खिलाफ राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉर्पोरेशन एक्ट 1979 के तहत नोटिस देकर जुर्माना वसूला जाएगा. अगर इसके बाद भी सुधार नहीं करते हैं तो उनके पानी के कनेक्शन को काट दिया जाएगा.


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