Rajasthan News: परिवहन विभाग की बेहतर परफॉर्मेंस, जयपुर द्वितीय आरटीओ प्रदेश में अव्वल, अक्टूबर तक राजस्व का 97 फीसदी अर्जित
Rajasthan News: राजस्थान के परिवहन विभाग की राजस्व को लेकर परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है. परिवहन विभाग ने इस वित्त वर्ष के शुरुआती 7 माह में अपने लक्ष्य का 97 फीसदी राजस्व अर्जित कर लिया है. पिछले वित्त वर्ष में 94.56 फीसदी राजस्व अर्जित कर टॉप 5 राजस्व वाले महकमों में पहले नंबर पर रहे परिवहन विभाग की परफॉर्मेंस में इस बार और सुधार आया है.
Rajasthan News: राजस्थान के परिवहन विभाग की राजस्व को लेकर परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है. परिवहन विभाग ने इस वित्त वर्ष के शुरुआती 7 माह में अपने लक्ष्य का 97 फीसदी राजस्व अर्जित कर लिया है. मौजूदा गति बनी रही तो इस वित्त वर्ष में परिवहन विभाग अपने लक्ष्य को शत-प्रतिशत अर्जित कर सकता है.
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पिछले वित्त वर्ष में 94.56 फीसदी राजस्व अर्जित कर टॉप 5 राजस्व वाले महकमों में पहले नंबर पर रहे परिवहन विभाग की परफॉर्मेंस में इस बार और सुधार आया है. मौजूदा वित्त वर्ष में परिवहन विभाग की परफॉर्मेंस और बेहतर रही है. दरअसल परिवहन विभाग का सालाना लक्ष्य 8100 करोड़ रुपये का है.
इसमें से अक्टूबर माह तक के लिए परिवहन विभाग का लक्ष्य 3962.29 करोड़ रुपये है. बड़ी बात यह है कि परिवहन विभाग अक्टूबर माह तक 3841.75 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित कर चुका है. यानी 96.96 फीसदी राजस्व अर्जित किया जा चुका है. परिवहन विभाग की यह उपलब्धि काफी बेहतर मानी जा रही है.
दरअसल पिछले वित्त वर्ष में परिवहन विभाग का राजस्व लक्ष्य 7100 करोड़ था, जिसमें से विभाग ने 6714 करोड़ रुपये अर्जित किए थे और अन्य विभागों यानी वाणिज्य कर विभाग, आबकारी, खान एवं पेट्रोलियम और स्टांप एंड रजिस्ट्री की तुलना में सबसे अधिक औसत हासिल किया था. इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष में भी परिवहन विभाग की परफॉर्मेंस अच्छी है.
खास बात यह है कि इस बार कमोबेश सभी आरटीओ अच्छी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. परिवहन विभाग मानता है कि परफॉर्मेंस का असली मानक नॉन ओटीटी राजस्व है. माना जाता है कि ओटीटी राजस्व में परिवहन विभाग के अधिकारियों की सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं होती. क्योंकि ओटीटी राजस्व वाहनों की बिक्री से टैक्स के रूप में परिवहन विभाग को स्वत: मिलता है.
वहीं नॉन ओटीटी राजस्व अफसरों को अर्जित करना होता है. नॉन ओटीटी राजस्व से परफार्मेंस निकाली जाए, तो इस मामले में जयपुर द्वितीय और जयपुर प्रथम के बाद सीकर, जोधपुर और भरतपुर आरटीओ कार्यालय आगे हैं. नॉन ओटीटी रैंकिंग में पाली आरटीओ सबसे पीछे है.