Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए नौ नई नीतियों को जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन नीतियों को लॉन्च करते हुए कहा, ये नीतियां राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की में अहम कदम है. इनसे न केवल निवेश ज्यादा होगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. इन नीतियों में नवाचारों और नए प्रयोगों का समावेश है, जिससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति, समृद्धि और रोजगार सृजन सुनिश्चित किया गया है.


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राज्य के जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए ODOP नीति लॉन्च की गई है, जिससे कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और उत्पाद निर्माताओं की आय बढ़ेगी. इस नीति की मदद से ओडीओपी उत्पादों के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास होहा और इन्हें विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता मिलने में मदद होगी.


राज्य में क्लस्टर आधारित विकास के जरिए शिल्पकारों और लघु उद्योगों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके तहत राज्य में हस्तशिल्प, हथकरघा और एमएसएमई क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाकर उन्हें ग्लोबल बाजार के अनुरूप बनाया जाएगा.


एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रिएलिटी के क्षेत्र में भी विकास होगा. इसमें राजस्थान को अग्रणी बनाने का उद्देश्य है. इसके लिए एवीजीसी-एक्सआर नीति-2024 लागू की जा रही है. यह नीति प्रदेश की स्थानीय प्रतिभाओं को मोटीवेट करेगी. वहीं इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर स्थापित होंगे.


प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन व्यवसाय का बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान है. प्रदेश में टूरिज्म को नई दिशा देने के लिए राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2024 लॉन्च की है. इस नीति के माध्यम से पर्यटन से जुड़े निवेशकों और उद्यमियों को राज्य की तरफ आकर्षित किया जाएगा. इसमें निजी क्षेत्र में पर्यटन इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा.


प्रदेश अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राज्य आगे है. यहां सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं. राज्य सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू के साथ ही राइजिंग राजस्थान प्री समिट में ऊर्जा के क्षेत्र में साढ़े छह लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौता कर लिया है. इस नीति के माध्यम से प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, बायोमास और वेस्ट टू एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा.


राजस्थान में 82 तरह के खनिजों भंडार हैं. इसमें से 58 का व्यवसायिक स्तर पर खनन होता है. नई खनिज नीति के माध्यम से प्रदेश की जीडीपी में खनिज क्षेत्र की वर्तमान 3.4 प्रतिशत की भागीदारी है. इसे वर्ष 2029-30 तक पांच प्रतिशत और 2046-47 तक आठ प्रतिशत तक बढ़ाने का उद्देश्य है.


निर्माण कार्यों में बजरी के स्थान पर एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी है. इसके लिए राजस्थान एम-सेण्ड नीति-2024 लागू की गई है.  एम-सेण्ड के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण को फायदा होगा और निर्माण लागत में भी कमी होगी.