Rajasthan News: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए एक साथ यूडीएच और एलएसजी में कार्यरत विभिन्न सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं 24 जनवरी से समाप्त कर दी है. नगरीय विकास विभाग के अधीन समस्त नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, यूआईटी, विकास प्राधिकरण और स्वायत्त शासन निदेशालय में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे कर्मचारियों को हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन संस्थाओं में करीब 1000 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारी काम पर लगे हुए थे. ये सभी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट, पे माइनस या पारिश्रमिक वेतन के आधार पर काम कर रहे थे.


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रिटायर्ड कर्मचारी भी कॉन्ट्रैक्ट पर कर रहे थे काम 
दरअसल, प्रदेश की 250 से ज्यादा नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद के अलावा यूआईटी, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, रूडसिको, आरयूआईडीपी, स्वायत्त शासन निदेशालय में बड़ी संख्या में रिटायर्ड कर्मचारी लगे है. इनमें से कई कर्मचारी तो ऐसे है जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा हो चुकी है और अब भी वे गार्ड की तनख्वाह पर कॉन्ट्रैक्ट आधार पर डिपार्टमेंट में काम कर रहे है.



पे माइनस पेंशन या एक निर्धारित वेतन पर काम
​​​​​​​जयपुर जेडीए में बाबू, पटवारी समेत अन्य पदों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी रिटायर्ड लगे हुए है। इन कर्मचारियों की संख्या 200 से ज्यादा है. इसी तरह हाउसिंग बोर्ड में 30 से ज्यादा कर्मचारी ऐसे है जो रिटायर होकर वापस बोर्ड में पे माइनस पेंशन या एक निर्धारित वेतन पर काम कर रहे है. यहां तक सलाहकार और चीफ इंजीनियर जैसे महत्वपूर्ण पोस्ट पर भी रिटायर्ड कर्मचारी काम कर रहे हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार के फैसले के बाद बीते दिन यानी 24 जनवरी को इन सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. अब कोई भी व्यक्ति यूडीएच और एलएसजी में कॉन्ट्रैक्ट पर काम नहीं कर सकता. 


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