Rajasthan News: माइंस विभाग की बकाया-ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना की अब प्रभावी क्रियान्वयन व नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके लिए खान विभाग के अतिरिक्त निदेशकों को जोनल स्तर पर नोडल अधिकारी बनाते हुए जिम्मेदारी दी गई है. यह एमनेस्टी योजना 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी.


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खान विभाग में एमनेस्टी योजना के क्रियान्वयन पर फोकस किया जा रहा है. पुरानी विभागीय बकाया राशि वसूलने के लिए यह कवायद की जा रही है. खान एवं पेट्रोलियम के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि जोनल अतिरिक्त निदेशक माइंस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है.



इस कमेटी में जोन के सभी अधीक्षण खनि अभियंता वृत्त, जोन के सभी खनि अभियंता और सहायक खनि अभियंताओं के साथ ही खनन पट्टाधारकों के संगठन के प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया है. खास बात यह है कि खनन पट्टाधारियों के संगठन के पदाधिकारियों की भी भागीदारी तय की गई है.



एमनेस्टी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. इसके साथ ही संबंधित बकायादारों से व्यक्तिगत मिलकर बातचीत की जाएगी ताकि बकाया राजस्व की वसूली हो सके.



टी. रविकांत ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजनलाल शर्मा ने विभागीय एमनेस्टी योजना लागू करने पर जोर दिया है. इस योजना से राज्य सरकार के बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी. साथ ही वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होने से वसूली कार्य में लगने वाले कार्मिकों का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होगा.



एमनेस्टी योजना मतलब क्या?
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने इसे लेकर बैठक ली
विभिन्न प्रकार के विभागीय बकाया के लिए एमनेस्टी योजना लागू की गई
31 मार्च 2023 के प्रकरणों में रियायत के लिए योजना लागू
विभागीय एमनेस्टी योजना 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी
एमनेस्टी योजना में ब्याज माफी के साथ ही बकाया अवधि के मुताबिक छूट
अलग-अलग स्लैब में मूल राशि में 90 प्रतिशत तक की छूट दी गई
योजना प्रावधान के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करा सकते हैं
इससे योजना के प्रावधानों का लाभ उठाना संभव
एमनेस्टी योजना में बकाया ब्याज राहत के करीब 2900 प्रकरण आना संभव

 


माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के स्थिर भाटक/रेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया, अन्य विभागीय बकाया के लिए लागू है.



यह 31 मार्च, 2023 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है जो कि 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी. बैठक में मौजूद खान विभाग के निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में करीब 2900 प्रकरण आने की संभावना है. जोनल अतिरिक्त निदेशक माइंस को जोन स्तर पर नोडल अधिकारी बनाने से योजना का क्रियान्वयन और कारगर मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी.