Rajasthan news : जयपुर में प्रेस वार्ता करते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने सैकंड ग्रेट टीचर भर्ती पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी सुरेश ढ़ाका के पूरे गैंग का खुलासा किया है. मीणा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आरपीएससी की गोपनीय शाखा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसी शाखा के अधीन आने वाले मॉडरेटर ने ही पेपर लीक किया है. तो वहीं उनका ये भी आरोप है कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का पेपर 3 हजार लोगों तक पहुंचा है. अलग अलग शहरों जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, दौसा, कोटा तक ये पेपर पहुंचा है.


सुरेश ढ़ाका की गैंग में ये लोग


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किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सुरेश ढ़ाका की पूरी गैंग का खुलासा करते हुए एक एक नाम सामने रखा. जिसमें पहला नाम महेंद्र विश्नोई का है जो रेलवे में डिप्टी है. ये हैकर का काम करता है. अब तक रेलवे, टैक्निकल हेल्पर, जेईई, सीएचओ, एमपी, यूपी, रेलवे प्रमोशन के अलावा संविदा पर ANM GNM की परीक्षाओं में पेपर लीक कर चुका है. इसके अलावा सुरेश ढ़ाका का छोटा भाई कमलेश भी इसमें शामिल है. सुनील सारण और देवीलाल, जिन्हौने साइट बनाकर SS, GK और हिंदी पढ़ाया.


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इस गैंग में बाड़मेर के धोरीमन्ना का रहने वाला रुपाराम भी शामिल है जो रूस में रहकर एमबीबीएस भी कर रहा है. डावल निवासी नरेश बिश्नोई के अलावा एलडीसी सुनील भादू जो हेडमास्टर सुरेश साहू का राइट हैंड है. जोधपुर में इस पेपर लीक के काम को बनवारी लाल देख रहा था. बनवारी सुरेश ढ़ाका का मित्र है. बीकानेर में सुनील ने काम संभाला. सुनील कोचिंग पार्टनर भी है. उसने दो दिन पहले अभ्यर्थियों को जीके का पेपर पढ़वाया. इसके साथ साथ राजू ढ़ाका, मदन पंप वाला और मनोहर लाल भी शामिल है. 


एक मंत्री का स्टाफ है मनोहर लाल


किरोड़ीलाल मीणा ने दावा किया कि इस गैंग में शामिल मनोहर लाल राजस्थान सरकार के एक मंत्री का स्टाफ है. मनोहर पेपर वाली बस के साथ गाड़ी में था. और वो LDC भी है.


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सुरेश ढ़ाका ने कोचिंग का नाम बदला


प्रेस कांफ्रेंस में किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सुरेश ढ़ाका जयपुर में लंबे समय से उमंग कोचिंग चलाता है. इससे पहले भी तमाम भर्तियों में नकल में उमंग कोचिंग का नाम आया था. जिसके बाद उसने नाम बदलकर उमंग से अधिगम कर दिया. मीणा ने कहा कि मैनें आरएएस परीक्षा 2018, आरएएस परीक्षा 2021 के अलावा राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर जब प्रेस वार्ता की तब भी सुरेश ढ़ाका के नाम का खुलासा किया था लेकिन सरकार और जांच एजेंसियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. सुरेश ढ़ाका अपने मित्र भूपेंद्र उर्फ भूपी के साथ मिलकर पेपर लीक करते है. लेकिन दोनों पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.