Rajasthan: प्रदेश के युनिवर्सिटी छात्रों को लेकर खबर है कि इस साल छात्रसंघ चुनाव को स्थगित कर दिया गया है. जिसके कारण इस साल छात्र संघों के चुना नहीं होंगे.इसको लेकर शनिवार रात आदेश भी जारी हो गए हैं.


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शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को भेजी आदेश की क़ॉपी
इस बारें में कॉलेज शिक्षा विभाग ने 15 विश्वविद्यालयों को आदेश की कॉपी भी भेज दी है. जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने  हवाला दिया गया है.  साथ ही राजस्थान उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष की राय का भी जिक्र किया है. 


शिक्षा नीति है बड़ी वजह या कुछ और
आदेश में शिक्षा नीति के अलावा सरकार सेमेस्टर सिस्टम लागू करने में आ रही परेशानी,  छात्रसंघ चुनावों में हो रहे बेतहाशा खर्च और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की भी  जिक्र किया. साथ ही यह भी बताया गया है कि सरकार ने यह फैसला अलग–अलग यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से मिली रिपोर्ट और राय के आधार पर लिया गया है.आदेश में 75 फीसदी उपस्तिथि की अनिवार्यता. और काम से कम 180 दिन की पढ़ाई की व्यवस्था को लागू करने की चुनौती का हुआ ज़िक्र. इन सब तर्कों के आधार पर लगी चुनाव पर रोक.


2004 से 2009तक भी नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव
इसके साथ ही आदेश में 2004 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं  कराये जाने का भी ज़िक्र किया है. हालांकि इस रोक के  संकेत जब मिल गए थे जब सीएम गहलोत ने चुनाव में होने वाले बेतहाशा खर्चे पर सवाल उठाए थे. सीएम गहलोत ने कहा कि लिंगदोग कमेटी का उल्लंघन कर छात्र खूब पैसा खर्च करते हैं. किसी एमपी-एमएलए चुनाव की तरह पैसा बहाया जाता है.


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