Rajasthan News:अरावली पहाड़ी क्षेत्र में खनन पर रोक को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राजस्थान सरकार की चिंता को बढा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 9 मई को सुनवाई के दौरान राजस्थान सहित अरावली क्षेत्र के चारों राज्यों में वैध खनन की अंतिम अनुमति देने के अधिकार रोक लगा दी है. 


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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बैंच अरावली क्षेत्र में खनन पर पूर्ण बैन लगाने की इच्छूक थी, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर पेश की गयी दलीलों के बाद कोर्ट ने कुछ हद तक सरकार के लिए वैध खनन की राह खुली रखी है. विशेषज्ञो के अनुसार अरावली क्षेत्र में खनन पर रोक लगने से राजस्थान सरकार को प्रतिवर्ष 5700 करोड़ से अधिक के रेवेन्यू का नुकसान होता.



सुप्रीम कोर्ट में 9 मई को हुई सुनवाई के दौरान सीईसी की ओर से पेश कि गयी रिपोर्ट में साफ कहा गया कि राजस्थान में अवैध खनन की गतिविधिया धड़ल्ले से जारी है. सीईसी की ओर से पेश कि गयी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई हैं. 


इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, हरियाणा के साथ केन्द्र सरकार को भी कई बिंदुओ पर जवाब पेश करने का आदेश दिया है. खास तौर से राजस्थान सरकार को कई बिंदूओ पर स्पष्ट जवाब पेश करने का आदेश दिया है.



सुप्रीम कोर्ट ने अरावली में वैध और अवैध खनन को लेकर एक समिति के गठन का आदेश दिया. अरावली की पहाड़ी और श्रेणी को परिभाषित करते हुए यह समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. 


कमेटी का गठन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि खनन पर पूर्ण प्रतिबंध पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल नहीं है. इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आगे की सुनवाई अगस्त महीने में होगी.


अरावली की पहाड़ियां देश के 4 राज्यों, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात से होकर गुजरती है. अरावली रेंज उत्तर-पश्चिम दिशा में 690 किमी लंबी है. अरावली का सबसे ज्यादा एरिया 650 किलोमीटर राजस्थान में आता है. राज्य के खनन का 70 प्रतिशत उन 16 जिलों से निकाला जाता है जो अरावली के आस पास स्थित है. 



वर्ष 2022—23 में राजस्थान सरकार को इन 16 जिलों से ही खनन से 5700 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ है. राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि संपूर्ण खनन पर बैन लगाने से राज्य में बेरोजगारी बढ जाएगी, सुप्रीम कोर्ट ने बेरोजगारी के तर्क को स्वीकार करते हुए वैध खनन पर बैन नहीं लगाया, लेकिन अंतिम अनुमति देने पर रोक लगा दी है.बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के इस विस्तृत आदेश के बाद राजस्थान में अरावली क्षेत्र में अवैध खनन का मामला राजस्थान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौति होगा.


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