Jaipur News: राजधानी जयपुर के महिला थाना पश्चिम में गुजरात के अहमदाबाद में तैनात एक आईआरएस अधिकारी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज किया गया है. दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराने वाली IRS चिराग झिरवाल की पत्नी पूर्वा बागड़ी ने आरोप लगाए हैं कि दहेज की डिमांड पूरी नहीं होने पर उसे प्रताड़ित किया गया और दिसंबर 2022 में शादी के बाद से चिराग महज 8 दिन ही उसके साथ रहा. 


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पूर्वा ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाए हैं कि सगाई से पहले चिराग और उसके माता-पिता उसके घर आए और सब से बात करके आपसी सहमति के बाद रिश्ता तय किया गया. वहीं, रिंग सेरेमनी के दौरान ही चिराग और उसके परिवार के सदस्यों ने डिमांड करना शुरू कर दिया. समाज में बदनामी के डर से चिराग और उसके परिवार के सदस्यों की कुछ डिमांड को पूरी करने की कोशिश भी की गई लेकिन हैसियत से ज्यादा डिमांड करने पर पूर्वा के परिजन डिमांड पूरी नहीं कर पाए. 


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दहेज लोभियों की डिमांड के चलते पूर्वा का सगाई समारोह रामबाग पैलेस में आयोजित किया गया, जिसका संपूर्ण खर्चा पूर्वा के परिजनों ने ही उठाया. साथ ही ससुराल वालों ने शादी भी रामबाग पैलेस में ही करने की जिद की लेकिन लड़की पक्ष ने ऐसा करना उनकी हैसियत से बाहर बताया. इसके बाद ससुराल पक्ष द्वारा ही बताए गए अजमेर रोड स्थित एक मैरिज गार्डन में 2 दिसंबर 2022 को शादी समारोह का आयोजन किया गया. 



पूर्वा ने जो शिकायत दी है, उसमें इस बात का जिक्र भी किया है कि फेरे लेने के बाद वर पक्ष ने एक करोड़ रुपये नगद देने की डिमांड की और डिमांड पूरी नहीं करने पर बहु को साथ नहीं ले जाने की धमकी दी. यह देखकर पूर्वा के परिजन घबरा गए और समाज के कुछ प्रतिष्ठित लोगों के सामने वर पक्ष के पैर पड़कर उनकी डिमांड बाद में पूरी करने की प्रार्थना की तब जाकर वर पक्ष पूर्वा को अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हुए. 


शादी के बाद जब पूर्वा को वर पक्ष अपने गांव लेकर पहुंचा तो वहां पर भी उसे काफी ताने सुनाए गए और शादी के बाद महज 8 दिन पूर्वा अहमदाबाद रही. वहां पर भी पति ने उससे दूरी बनाकर रखी और उसे घर पर लॉक करके पति बाहर निकल जाया करता. शादी में वर पक्ष की ओर से वोल्वो गाड़ी मांगी गई लेकिन हैसियत ना होने के बाद भी वधू पक्ष ने फॉर्च्यूनर गाड़ी गिफ्ट की. 


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उसके बावजूद भी ससुराल में पूर्वा के साथ मारपीट की गई और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. शादी के वक्त वधु पक्ष ने करीब 50 लाख रुपये की कीमत के आभूषण वर पक्ष को दिए. इसके साथ ही 20 लाख रुपए की नगदी और अन्य सामान भी दिया. इसके बावजूद कुछ माह पहले वर पक्ष ने पूर्वा को घर से निकाल दिया और स्त्री धन भी वापस नहीं लौटाया. फिलहाल महिला थाना पश्चिम में एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रकरण की जांच थानाधिकारी मंजू चौधरी द्वारा की जा रही है. 



आईआरएस अधिकारी होने के चलते चिराग द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं और वधू पक्ष पर कई तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं. फिलहाल देखना होगा कि जयपुर पुलिस इस मामले की जांच कितनी गंभीरता से करती है और पूर्वा व उसके परिवार के सदस्यों के साथ न्याय कब तक होता है.