Food License For Liquor Shopkeepers: शराब विक्रेताओं को भी अब फूड लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है. विभाग की ओर से शराब कारोबारियों के लिए निकाले गए सर्कुलर से कारोबारियों में हलचल मच गई है. इसके साथ ही विभाग ने लाइसेंस नहीं लेने पर एक बड़ा जुर्माने का भी प्रावधान इसमें रखा है. खाद्य सुरक्षा विभाग ने आबकारी आयुक्त को भी इसके लिए पत्र लिखा है.


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शराब विक्रेताओं के लिए भी फूड लाइसेंस लेने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक शराब विक्रेता फूड लाइसेंस लेते नहीं थे. जिसके चलते खाद्य सुरक्षा विभाग को सालाना करीब डेढ़ करोड़ रुपये के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. हालांकि विभाग ने भी पहले कभी इतनी सख्ती नहीं दिखाई थी. अब विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पहले सभी शराब विक्रेताओं को फूड लाइसेंस के लिए समझाइश की जाए. इसके बाद प्रदेश में एक अभियान चलाकर फूड लाइसेंस नहीं लेने पर कार्रवाई की जाए.


अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज ओझा ने कहा कि FSSAI एक्ट के तहत शराब और बीयर की दुकानों को भी इसमें लिया गया है. अब शराब दुकानदारों को सालाना ये लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए उन्हें दो हजार रुपये जमा कराने होंगे.


प्रदेश में शराब दुकानों की बात की जाए तो करीब 7665 दुकानें है. अभी तक इन दुकानदारों ने फूड लाइसेंस नहीं लिया है लेकिन अब सख्ती से इसे लागू करने की तैयारी है. माना जा रहा है कि इससे विभाग को सालाना डेढ़ करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. शराब कारोबारियों की ओर से लाइसेंस नहीं लेने पर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. सभी दुकानदार लाइसेंस लेते हैं तो सरकार को एक साल में 1 करोड़ 53 लाख 30 हजार रुपए राजस्व मिलेगा.


जो शराब दुकानदार फूड लाइसेंस नहीं लेता है, उसके खिलाफ एफएसएसए 2006 एक्ट की धारा 63 के तहत प्रकरण बनाया जाता है, इस धारा में दोषी पाए जाने पर 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. पूर्व में पांच लाख जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान था, जिसमें संशोधन कर दिया गया है.