Rajasthan RTE News: गुरुजी खुद तो गुड़ खाएं और दूसरे को गुलगुले से परहेज बताएं, ऐसा ही आलम शिक्षा विभाग में दिख रहा है. दरअसल शिक्षा विभाग हर काम समय पर करने की सीख तो देता है, लेकिन जब विभाग पर यह जिम्मेदारी आती है, तो खुद शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से कन्नी काटते दिखाई देते हैं.


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मुख्यमंत्री लगातार बजट घोषणाओं को मंजूरी देते जा रहे हैं, जनता को रिलीफ़ देने की बात करते हैं, लाभार्थी उत्सव मनाते हैं, लाभार्थियों से संवाद करते हैं. लेकिन शिक्षा विभाग सरकार की मंशा को पलीता लगाने की सोच कर बैठा है. शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री की तरफ से आरटीई के तहत आठवीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों को मिलने वाले फायदे के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद भी, शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी नहीं किए हैं.


 प्राइवेट स्कूलों तक अभी तक इस संदर्भ के आदेश ही नहीं पहुंचे कि सरकार 12वीं तक प्राइवेट स्कूलों में आरटीआई के दायरे में आने वाले लड़कों के लिए भी फीस का पुनर्भरण करेगी. शिक्षा विभाग अच्छी तरह जानता था कि 4 अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सामने संकट आ सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग आदेश की फाइल का तकिया बना कर उसे सिरहाने रख कर सो गया है.


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 दरअसल सरकार ने लड़कियों को 12वीं क्लास तक आरटीआई के दायरे में फायदा पिछले साल के बजट में ही दे दिया था. इस साल के बजट में मुख्यमंत्री ने छात्रों को भी यह फायदा देने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की तरफ से फाइल पर रविवार को मंजूरी भी दे दी गई, लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद भी विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ है.


शिक्षा विभाग ने अभी तक ना तो आदेश जारी किए हैं, और ना ही प्राइवेट स्कूलों को किसी तरह के मौखिक निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि 4 अप्रैल से शुरू होने वाले शिक्षा सत्र से ठीक पहले वह अभिभावक अपने बच्चों की फीस को लेकर परेशानी बताने कहां जाएं.