Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने चौपहिया वाहन खरीदने के बाद आरटीओ की ओर से एनओसी जारी करने के बावजूद पुराने चालान बताकर वसूली निकालने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से याचिकाकर्ता के चालान समाप्त करने के आश्वासन के बाद याचिकाकर्ता को आदेश दिए कि वह धौलपुर आरटीओ के समक्ष तीस नवंबर को पेश हो. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश सीताराम की अपील पर दिए.


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साथ ही सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रमुख परिवहन सचिव आनंद कुमार अदालत में पेश हुए. अदालत ने अधिकारी से पूछा कि जब एक बार एनओसी जारी हो चुकी है तो आरटीओ पुराने चालान के आधार पर सात साल बाद वसूली क्यों की जा रही है. इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पहले ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है. इसलिए अब याचिकाकर्ता को जारी चालान को पन्द्रह दिन में वापस ले लेंगे। इस पर अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रकरण के निस्तारण के लिए आरटीओ के समक्ष पेश हो.


आपको बता दें कि अपील में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने कहा कि अपीलार्थी ने जोधपुर से एक ट्रक खरीदा वर्ष 2014 में था. इसे लेकर जोधपुर आरटीओ ने एनओसी भी जारी कर दी थी. वहीं बाद में अपीलार्थी ने वाहन को अपने नाम करवाकर धौलपुर आरटीओ में पंजीकृत करा लिया. वर्ष 2021 में जब वह फिटनेस कराने पहुंचा तो विभाग ने बताया कि उसके वर्ष 2010 और वर्ष 2013 के ओवरलोडिंग के चालान की करीब दो लाख रुपए की राशि जमा नहीं हुई है. अपीलार्थी की ओर से कहा गया कि आरटीओ वाहन के बकाया को लेकर एनओसी जारी कर चुका है और सात साल तक विभाग ने कोई कार्रवाई भी नहीं की, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने प्रमुख परिवहन सचिव को पेश होकर जवाब देने को कहा था. 


Reporter: Mahesh Pareek


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