Rajasthan Unknown Facts: महादेव का महिना कहे जाने वाले सावन महीने की शुरूआत हो चुकी है.जगह-जगह शिवालयों में भगवान शिव की आराधना की जा रही है.रुद्राभिषेक किया जा रहे हैं ,तो कहीं जलाभिषेक से भगवान शंकर को रिझाने की श्रद्धालु कोशिश कर रहे हैं.


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राजस्थान शहर रहस्यों से भरा हुआ शहर है,यहां के किले, मंदिर,सड़कें सभी कहीं न कहीं कुछ रहस्य से जुड़ा हुआ है. राजस्थान के मंदिरों में रहस्य के साथ ऐसी बातें होती हैं,जिसे सोच या जानकर लोग एकबार जुरूर सोच में पड़ जाते है.



आज हम आपको राजस्थान के एक  ऐसे शिवालय के बारे में बताएंगे, जिसका रिमोट कंट्रोल सूर्यदेव के पास है. ये बात सुनकर आप एक बार जरूर सोच में पड़ जायेंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है.



सारी दुनिया को चलाने वाले भगवान शिव के शिवालय का रिमोट कंट्रोल सूर्यदेव के पास,ऐसा कैसे हो सकता है. आपको बता दें कि इसका मतलब ये है कि शिवलिंग का झुकाव 6 महीने उत्तरायण और 6 महीने दक्षिणायन होता है.



ये शिव मंदिर राजधानी के अरावली पर्वत शृंखला के बीच बसा हुआ है. अरावली पर्वत शृंखला के बीच बसा मालेश्वर महादेव मंदिर चमत्कारों से भरा हुआ है. इस मंदिर में स्वयंभूलिंग विराजमान है. लोग इस चमत्कार के आगे नतमस्तक हो गए है.



मालेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग हर 6 महीने में सूर्य के हिसाब से दिशा में झुक जाता है. आपको बता दें कि सूर्य हर 6 माह में उत्तरायण और दक्षिणायन दिशा की ओर अग्रसर होता है. इसी चमतकार के वजह से ये दुनिया के अनुठे शिव मंदिर में आता है.लोगों का कहना है कि दुनिया के समय इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था.प्रकृति की गोद में बसा यह मंदिर पर्यटकों को काफी मनोरम लगता है. 



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