Manipur violence: मणिपुर हिंसा में फंसे राजस्थानी छात्र, सीएम गहलोत ने जताई चिंता, हेल्प लाइन नंबर्स जारी
Manipur violence: मणिपुर हिंसा से राजस्थान के लिए थोड़ा चिंता वाली खबर है, आपको बता दें जातिगत आरक्षण को लेकर बीते दिन मणिपुर में हिंसा हुई थी. जिससे हालात काफी संवेदनशील हो गए थे. इस हिंसा में राजस्थान के कई छात्रों की फंसे होने की खबर है. सीएम अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है. मदद के लिए हेल्प लाइन नबंर्स भी जारी किए गए हैं.
Manipur violence: राजस्थान के कई छात्रों की मणिपुर में फंसे होने की खबर है. छात्रों को गहलोत सरकार से उम्मीद है, वैसे ही जैसे रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान सैकड़ों छात्र यूक्रेन में फंसे थे. आपको बता दें कि जैसे ही राजस्थान सरकार को मणिपुर हिंसा में फंसे राजस्थानी छात्रों की खबर मिली तो गहलोत सराकर ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया.
ये हैं टोल फ्री नंबर
सीएम अशोक गहलोत और राजस्थान फाउंडेशन के सहयोग से हेल्प लाइन नंबर्स जारी किए गए हैं. ताकि जरूरत मंद छात्र संबंधित नंबर्स पर संपर्क कर सकें. यदि आपका भी कोई अपना मणिपुर हिंसा में फंसा हुआ है, तो उसतक राजस्थान सरकार व्दारा जारी किए गए नंबर्स आप साझा कर सकते हैं. साथ ही खुद सूचित कर सकते हैं. ये टोल फ्री नंबर 0141-2229111, 011-23070807, 8306009838 हैं. इस पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं.
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करके फंसे हुए छात्रों को मदद का भरोसा दिलाया है. साथ ही कहा है कि सभी छात्रों कि सकुशल घर वापसी की जाएगी. राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक मणिपुर के उच्च अधिकारियों के संपर्क में हैं.
54 लोगों की मौत
मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के चलते 54 लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक मृतक संख्या 54 है, जिनमें से 16 शव चूड़चंदपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए हैं, जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखे गए हैं.
सेना की विशेष टुकड़ियां तैनात
मिली जानकारी के मुताबिक मणिपुर में हिंसा के बाद कई इलाकों में हालात काबू में है. इस बीच चुराचांदपुर जिले और उसके आसपास के इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के चलते कई क्षेत्रों में कर्फ्यू में कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील देने का एलान किया गया है. हिंसा की खबर के बाद शनिवार गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी राज्यों के सीएमों से बैठक की थी. हालात की जानकारी ली. हिंसा ग्रस्त इलाकों में सेना की विशेष टुकड़ियां तैनात की गई थीं.