मर कर भी हमेशा के लिए अमर हो गया राजेन्द्र, ऑर्गन डोनेट कर 4 लोगों को दिया जीवनदान
ऐसा ही ताजा मामला 36 साल का टेक्निकल इंजीनियर राजेन्द्र का है. जो दुनिया से जाते जाते भी ऑर्गन डोनर बन गया.
Jaipur: कुछ लोग मरने के बाद भी ऐसा काम कर जाते है कि उन्हें उम्र भर याद किया जाए. ऐसा ही ताजा मामला 36 साल का टेक्निकल इंजीनियर राजेन्द्र का है. जो दुनिया से जाते जाते भी ऑर्गन डोनर बन गया. सीकर में एक हादसे में घायल हुए महाराष्ट्र पूणे के प्रशांत राजेंद्र शिंदे, जिसकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई.
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हादसे के दौरान घायल अवस्था में अस्पताल में एडमिट किए जाने पर राजेंद्र की जिंदगी को डॉक्टर्स नहीं बचा सकें. लेकिन उसके परिजनों की समझदारी से चार लोगों को जीवनदान मिल गया. राजेन्द्र खुद तो दुनिया से चला गया लेकिन अपना हार्ट लिवर और दो किडनी जरुरतमंदों के लिए डोनेट कर गया.
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 18 जून को सीकर के रहने वाले प्रशांत राजेन्द्र शिंदे का महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुए सड़क हादस में घायल हो गया था, जिसके बाद उसकी हालत बेहद खराब हो गई थी. उसे घायल अवस्था में तुरंत जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. लेकिन हैडइंजरी होने के कारण डॉक्टर्स उसकी जान नहीं बचा सकें और युवक को 23 जून को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर्स ने राजेन्द्र के परिजनों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया तो राजेन्द्र के पिता और पत्नी ने सोट्टो पहुंचकर अंगदान की प्रकिया को समझा. जिसके बाद दुनिया से चले गए राजेन्द्र के चार अंगदान करने के लिए परिजन तैयार हुए.
इस बारे में एसएमएस के अधीक्षक डॉ विनय मल्होत्रा ने बताया कि, राजेन्द्र के शरीर से हार्ट और किडनी निकालकर उसे जरुररतमंद को ट्रांसप्लांट किया गया है. जिसकी प्रक्रिया जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हार्ट और किडनी का तो वहीं, लिवर का महात्मा गांधी में प्रत्यारोपण किया गया. राजेन्द्र के परिवार वालों के इस सहराहनीय कदम से चार लोगों को नया जीवनदान मिला.
ऐसे हुआ ट्रांसप्लांट
चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद भी प्रशांत राजेन्द्र शिंदे को बचाया जाना संभव नहीं हो पाया था, जिसके चलते 23 जून को प्रशांत राजेन्द्र शिंदे को ब्रेन डैड घोषित कर दिया गया था.
स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन की समझाइश के बाद प्रशांत राजेन्द्र शिंदे के परिजनों ने अंगदान करने का बड़ा फैसला लिया. अंगदान का पुनीत निर्णय लेने में प्रशांत राजेन्द्र शिंदे की पत्नी नयना प्रशांत शिंदे तथा पिता राजेन्द्र प्रशांत शिंदे का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
प्रदेश में कार्यरत सोटो स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन के चैयरमैन डॉ. सुधीर भण्डारी, संयुक्त निदेशक डॉ. अमरजीत मेहता व कंसल्टेंट डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि, राजस्थान महात्मा गांधी अस्पताल में मल्टी ऑर्गन रेसिपिएंट को लिवर तथा एक किडनी व सवाई मानसिंह अस्पताल में एक किडनी तथा हार्ट का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. बता दें कि, राजस्थान प्रदेश का यह 45 वां अंगदान है.
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