दुष्कर्म पीड़िता ने दुष्कर्म से किया इनकार , कोर्ट ने डीएनए जांच के आधार पर सुनाई सजा
अदालत ने कहा कि भले ही नाबालिग ने अपने बयानों में दुष्कर्म की घटना से इनकार किया है, लेकिन डीएनए जांच और एफएसएल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म साबित हुआ है.
Jaipur: जयपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 23 दिसंबर 2019 को नाबालिग पीड़िता खेत में जा रही थी, उस दौरान रास्ते में अभियुक्त अपने एक साथ पूर्व परिचित के साथ पीड़िता से मिला और उसे घुमाने के बहाने जयपुर ले आया, यहां अभियुक्त ने पीड़िता को गेस्ट हाउस में रखा, बाद में अन्य जगह घूमते हुए 28 दिसंबर को दोनों वापस गांव चले गए. इसी बीच पीड़िता के पिता ने 24 दिसंबर को प्रागपुरा थाने में अभियुक्त सहित अन्य के खिलाफ पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया.
अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि घर से जाने के बाद से लेकर वापस आने के बीच अभियुक्त ने कई बार पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. इस पूरे मामले में सजा सुनाते हुए अदालत ने अभियुक्त रतिराम गुर्जर को बीस साल की सजा सुनाते हुए, एक लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने मामले में एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त कर दिया हैं. अदालत ने कहा कि भले ही नाबालिग ने अपने बयानों में दुष्कर्म की घटना से इनकार किया है, लेकिन डीएनए जांच और एफएसएल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म साबित हुआ है, इसके अलावा इस तरह की घटना में नाबालिग की सहमति भी कानून की नजर में कोई महत्व नहीं रखती हैं.
Reporter - Mahesh Pareek
यह भी पढ़ें-
उदयपुर मर्डर मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान
उदयपुर मर्डर: आरोपी ने हत्या के बाद जारी किया वीडियो
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें